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Delhi Fire Services ने उठाया आग की घटनाओं को कम करने का जिम्मा, लोगों के लिए शुरू करेंगे ट्रेनिंग सेशन

ये सेशन रोहिणी और द्वारका में DFS स्टेशनों पर आयोजित किया जाएगा. प्रतिभागियों को इस ट्रेनिंग एक लिए 3D चश्मा दिया जाएगा. इसके बाद वे नकली आग के बीच से निकलने, आग बुझाने और इसके लिए इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट को संभालना सीखेंगे.

Fire Emergencies (Photo: Aajtak) Fire Emergencies (Photo: Aajtak)
हाइलाइट्स
  • अपनी तरह की पहली ट्रेनिंग 

  • नागरिकों को होना चाहिए इसके लिए सशक्त 

दिल्ली फायर सर्विसेज (Delhi Fire Services) ने आग की घटनाओं को कम करने का जिम्मा उठाया है. इसे लेकर अब लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी. ये वर्चुअल ट्रेनिंग देश में अपनी तरह की पहली होगी. आग से  सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए ये कदम उठाया गया है. दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) आग से जुड़ी इमरर्जेंसी स्थितियों से निपटने के लिए जनता को शिक्षित किया जा रहा है. DFS इसके लिए कंप्यूटर सिमुलेशन लॉन्च करने के लिए तैयार है. ये ट्रेनिंग अगले सप्ताह से शुरू होने वाली है. ये अपने तरह की पहली ट्रेनिंग है. 

दिल्ली फायर सर्विसेज प्रमुख अतुल गर्ग ने दिल्ली में आग से संबंधित 43 मौतों के चिंताजनक आंकड़े का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे उपायों की तात्कालिकता को रेखांकित किया. 

अपनी तरह की पहली ट्रेनिंग 

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भारत में ये अपनी तरह का पहली वर्चुअल ट्रेनिंग है. ये सेशन रोहिणी और द्वारका में DFS स्टेशनों पर आयोजित किया जाएगा. अतुल गर्ग ने इन सिमुलेशन की गहन प्रकृति के बारे में विस्तार से बताया. इनकी तुलना लड़ाकू पायलटों को जंग के लिए तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रेनिंग मॉड्यूल से की गई है. प्रतिभागियों को इस ट्रेनिंग एक लिए 3D चश्मा दिया जाएगा. इसके बाद वे नकली आग के बीच से निकलने, आग बुझाने और इसके लिए इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट को संभालना सीखेंगे.

नागरिकों को होना चाहिए इसके लिए सशक्त 

अतुल गर्ग ने सभी नागरिकों के लिए कहा कि ये एकदम फ्री में होने वाली है. साथ ही उन्होंने कहा कि इन ट्रेनिंग सेशन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को पहुंचना चाहिए. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसमें रसोई की आग से लेकर विस्फोटित गैस सिलेंडर को हैंडल करना सिखाया जाएगा. साथ ही प्रतिभागियों को आग की लपटों को रोकने और जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक तकनीकों से लैस किया जाएगा. यह पहल विशेष रूप से छात्रों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए की जा रही है. ताकि जब कभी ऐसी घटना हो तो वे आसानी से अपनी रक्षा कर सकें.

चिंताओं का समाधान करना और सुरक्षा बढ़ाना जरूरी 

एडवांस सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके, डीएफएस का लक्ष्य समुदाय के भीतर आग से खुद की सुरक्षा करने वाले उपायों के बारे में बताना है. जिससे व्यक्तियों को गंभीर परिस्थितियों के समय खुद उसे रोकने या कम करने के काबिल बनाया जा सके. बता दें, दिल्ली में अग्नि सुरक्षा शिक्षा और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में 5.5 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. 

आग लगने की घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई हो 

इस तरह की पहल को जरूरत समझाते हुए डीएफएस ने गंभीर आंकड़ों को बताया. इन आंकडों से पता चलता है कि इस साल आग से होने वाली दुर्घटनाओं की वजह से 43 मौतें और 140 से ज्यादा लोगों को चोटें आई हैं. ऐसे में आग के जोखिमों को कम करने और सार्वजनिक तैयारियों को बढ़ाने के लिए अलग-अलग उपायों की आवश्यकता है. ऐसे में लोगों को इसे लेकर शिक्षित करना जरूरी है.