

गर्मियों में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए रेखा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली सरकार ने नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
देश की राजधानी दिल्ली में गर्मियों में जल संकट शुरू हो जाता है. दिल्ली के कई इलाकों में पानी के टैंकर से लोगों की पानी की आपूर्ति होती है. पानी की किल्लत से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. राजधानी दिल्ली में तीन नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनने से जल संकट कम होने की संभावना है.
दिल्ली में तीन नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बन जाने से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा लाभ होगा. दिल्ली जल बोर्ड ने इसके लिए पहले से ही 230 करोड़ का भुगतान कर दिया है. इस योजना के शुरू होने से वाटर टैंकर और बोरवेल पर निर्भरता कम होगी.
रेखा सरकार की पहल
देश की राजधानी दिल्ली को पानी की किल्लत से राहत दिलाने की दिशा में दिल्ली सरकार की ओर से एक अहम कदम उठाया गया है. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने राजधानी में तीन नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) बनाने की योजना को मंजूरी दी है. इससे रोजाना 235 मिलियन गैलन (MGD) पानी दिल्ली वालों को मिलेगा.
दिल्ली में ये तीन नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) प्रमुख जगहों पर लगेंगे. इनमें से एक प्लांट नरेला के पास इरादत नगर में लगाया जाएगा. इसके अलावा नजफगढ़ (दक्षिण-पश्चिम दिल्ली) और छत्तरपुर (दक्षिण दिल्ली) में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे. इन तीनों जगह को रणनीतिक रूप से चुना गया है ताकि दिल्ली के उत्तर, पश्चिम और दक्षिणी क्षेत्रों में जल वितरण को संतुलित किया जा सके.
पहाड़ों से पानी लाने की तैयारी
दिल्ली सरकार के अधिकारियों की माने तो इन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स के लिए पानी पहाड़ों से लिया जाएगा. वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स के संचालन के लिए आवश्यक कच्चे पानी की सप्लाई हिमाचल प्रदेश के रेणुका डैम और उत्तराखंड के किशाऊ व लखवार डैम से की जाएगी. इन पहाड़ी इलाकों से आने वाला पानी यमुना नदी के ज़रिए दिल्ली तक पहुंचेगा.
इसके बाद पानी को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध कर दिल्ली के इलाकों में भेजा जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली जल बोर्ड ने पहले ही 230.73 करोड़ रुपए का भुगतान संबंधित एजेंसियों को कर दिया है. ताकि इन बांधों से पानी लेने के अधिकार और बुनियादी ढांचे के विकास में कोई देरी न हो. बाकी बचे पैसे समय-समय पर दिए जाएंगे.
कितना होगा लाभ?
दिल्ली की रेखा सरकार की इस योजना से राजधानी में पानी की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी. दिल्ली में इस समय अनुमानित दैनिक मांग 1100 MGD से अधिक है लेकिन मौजूदा आपूर्ति करीब 930 MGD के आसपास है। नए प्लांट के बनने से 235 MGD अतिरिक्त पानी आने लगेगा. इससे यह अंतर काफी हद तक कम हो जाएगा.
दिल्ली में तीन नए वॉटर ट्रीटमेंट बनने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी. खासतौर पर नजफगढ़, छत्तरपुर और नरेला जैसे सीमावर्ती इलाकों में लोगों की पानी की किल्लत नहीं होगी. पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में स्थानीय निवासियों को नियमित और स्वच्छ पानी मिल सकेगा. ग्राउंड वॉटर पर निर्भरता घटेगी. टैंकरों और बोरवेल पर निर्भरता कम होगी. इससे दिल्ली भूजल स्तर में सुधार की उम्मीद है.
कब तक बन जाएंगे?
इन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा. इसमें मल्टी-स्टेज फिल्ट्रेशन, यूवी डिसइन्फेक्शन और रियल-टाइम क्वालिटी मॉनिटरिंग शामिल हैं. दिल्ली के इन तीन नए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य 2025 के अंत तक शुरू होने की संभावना है. इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यानी कि 2027 में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद दिल्ली में जल संकट दूर हो हो जाएगा.
सुशांत मेहरा की रिपोर्ट.