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Delhi excise policy: नई आबकारी नीति पर विचार... 3–4 महीने में आ सकता है ड्राफ्ट... कम हो सकती है बीयर पीने की कानूनी उम्र

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि दिल्ली में शराब की दुकानों को हाइब्रिड मॉडल पर चलाया जाए. यानी सरकारी दुकानों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी हो.

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दिल्ली सरकार राजधानी में बीयर पीने की कानूनी उम्र 25 से घटाकर 21 साल करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई. अधिकारियों का कहना है कि नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फरीदाबाद जैसे NCR शहरों में पहले से ही यह उम्र सीमा 21 वर्ष है. ऐसे में दिल्ली में भी सीमा घटाने से अवैध शराब बिक्री और ब्लैक मार्केटिंग पर अंकुश लगने की उम्मीद है.

हाइब्रिड मॉडल पर विचार
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि दिल्ली में शराब की दुकानों को हाइब्रिड मॉडल पर चलाया जाए. यानी सरकारी दुकानों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी हो. फिलहाल दिल्ली में केवल चार सरकारी निगम ही शराब की दुकानें चलाते हैं. 2022 में नई आबकारी नीति पर विवाद और CBI-ED जांच के बाद निजी रिटेलर्स को हटाकर पुरानी व्यवस्था लागू की गई थी.

नई आबकारी नीति की रूपरेखा
सूत्रों के मुताबिक, मसौदा नीति में कई बड़े बदलाव शामिल हो सकते हैं:

  • उच्चस्तरीय समिति: पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में बनी समिति ने सोमवार को शराब उद्योग से जुड़े हितधारकों के साथ बैठक की. इसमें उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, गृह मंत्री आशीष सूद और आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
  • प्रीमियम ब्रांड्स की उपलब्धता: दिल्ली में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रीमियम ब्रांड्स आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है. वर्तमान में कमी के कारण उपभोक्ता हरियाणा और यूपी से खरीदते हैं, जिससे दिल्ली के राजस्व को नुकसान होता है.
  • राजस्व हानि रोकना: प्रस्तावित संरचना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पड़ोसी राज्यों के दामों में अंतर की वजह से दिल्ली को नुकसान न उठाना पड़े.
  • जोनिंग पॉलिसी: रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों की संख्या घटाकर इन्हें मॉल और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट करने पर विचार. इससे सुरक्षा और सामाजिक चिंताओं को भी दूर किया जा सकेगा.

मौजूदा व्यवस्था और चुनौतियां
वर्तमान में दिल्ली की चार सरकारी कंपनियां शराब की बिक्री करती हैं और हर बोतल पर तय 50 रुपये मार्जिन लिया जाता है. अधिकारियों का मानना है कि यह प्रणाली पारदर्शी है, लेकिन इसमें ग्राहक अनुभव और विकल्पों की कमी है. नई नीति में प्रीमियम ब्रांड्स और बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है.

हालांकि, प्रस्ताव अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन बीयर पीने की उम्र घटाने और हाइब्रिड मॉडल लागू करने की संभावना से राजधानी की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. अंतिम निर्णय पड़ोसी राज्यों की नीतियों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद लिया जाएगा.

(सुशांत मेहरा की रिपोर्ट)

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