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बच्चों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की पहल, लॉन्च की 'अभया' परियोजना

इस मौके पर बात करते हुए सीपी दिल्ली राकेश अस्थाना ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा किसी भी समाज की सबसे पहली जिम्मेदारी है. पुलिस कर्मियों को ऐसे मामलों से निपटने के लिए ज्यादा सतर्क और समर्पित रहना होगा.

दिल्ली पुलिस ने लॉन्च की अभय परियोजना दिल्ली पुलिस ने लॉन्च की अभय परियोजना
हाइलाइट्स
  • बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए अभया परियोजना 

  • दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा की दर ज्यादा.

बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में 'अभया' परियोजना की शुरुआत की गयी है. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने आज आदर्श सभागार में दिल्ली पुलिस और एनजीओ शक्ति फाउंडेशन की संयुक्त पहल, 'अभया' परियोजना का शुभारंभ किया. इस मौके पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो भी उपस्थित थे.   .

प्रोजेक्ट अभया का उद्देश्य लड़कियों के लिए सिक्योरिटी और सेफ्टी की व्यवस्था करना है.अभया का अर्थ है 'वो जो निडर हो'. दिल्ली पुलिस और शक्ति फाउंडेशन की इस संयुक्त पहल का उद्देश्य बच्चों को समान और पूर्ण अधिकार देने के साथ-साथ जीवन की हर परिस्थितियों के हिसाब से बच्चों को सशक्त बनाना, शिक्षित करना और जागरूक करना है. 

बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए परियोजना 

इस मौके पर बात करते हुए सीपी दिल्ली राकेश अस्थाना ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा किसी भी समाज की सबसे पहली जिम्मेदारी है. पुलिस कर्मियों को ऐसे मामलों से निपटने के लिए ज्यादा सतर्क और समर्पित रहना होगा. उन्होंने कहा, "हमें इस तरह के अपराधों को रोकने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसे में अभया परियोजना का शुभारंभ उस दिशा में एक कदम है, क्योंकि समाज को भी अच्छी तरह से जागरूक और शिक्षित होने की आवश्यकता है." शक्ति फाउंडेशन की एनजीओ डॉ. सोनल रोचानी के प्रयासों की सराहना करते हुए राकेश अस्थाना ने कहा कि अभया जैसी योजनाओं से लोगों में जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी और ऐसे उपायों से समाज को फायदा होगा. 

दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा की दर ज्यादा 

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर आंकड़े दिखाते करते हुए कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने मेट्रो शहरों और पूरे भारत की तुलना में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बहुत अधिक सजा दर सुनिश्चित की है. जैसे कि बलात्कार के मामलों में सजा की दर 47.25 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 39.3% है, छेड़छाड़ में यह दर 27.9 प्रतिशत के मुकाबले 47.32 प्रतिशत है. अपहरण में सजा की राष्ट्रीय दर 35.6 प्रतिशत के मुकाबले दिल्ली में 40 प्रतिशत है. POCSO मामलों में 39.6 प्रतिशत राष्ट्रीय दर के मुकाबले यह दिल्ली में 79.12 प्रतिशत है. जबकि दहेज हत्या के मामलों में सजा की दर 100 प्रतिशत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा हमेशा दिल्ली पुलिस की प्रमुख चिंता रही है और यह हमेशा रहेगी. 

'अभया' पुस्तिका का विमोचन और 'अभया प्रतिमा' का अनावरण

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि राकेश अस्थाना और विशिष्ट अतिथि प्रियांक कानूनगो ने 'अभया प्रतिमा' का अनावरण किया. उन्होंने 'अभया: सुरक्षा के ए, बी, सी, डी' पुस्तिका का भी अनावरण किया. हिंदी भाषा में अभया पुस्तिका शारीरिक सुरक्षा के कई पहलुओं को बताती है, जिन्हें हर बच्चे को सीखना जरूरी है. इसमें पिक्चर्स के साथ जानकारी दी गयी है कि नाबालिग लड़कियां खुद को यौन अपराध, गुड टच और बैड टच का शिकार होने से कैसे रोक सकती हैं. साथ ही कोई प्रतिकूल स्थिति आने पर किससे संपर्क करें. 

एनजीओ शक्ति फाउंडेशन की संस्थापक सोनल रोचानी एक सफल बिजनेसमैन हैं जो वंचित वर्गों के उत्थान और खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों से जुड़े सामाजिक कार्यों में शामिल है. सोनल रोचानी ने इस परियोजना के बारे में बात की और उम्मीद जताई कि पूरा देश बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर दिल्ली पुलिस की पहल का पालन करेगा.