
दिल्ली के कश्मीरी गेट पर स्थित 19वीं सदी का प्रसिद्ध सेंट जेम्स चर्च रविवार को फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. इस ऐतिहासिक चर्च की कमजोर नींव और जर्जर स्थिति के कारण 2015 में इसका सरक्षण का काम शुरू हुआ था जिसमें करीब 8 वर्षों का समय लगा. 6 अगस्त को फिर से खुल जाने के बाद आम लोग इसमें जा सकेंगे. बता दें कि राजधानी के सबसे पुराने चर्च में से एक सेंट जेम्स चर्चा का इतिहास लगभग 180 साल पुराना है.
2015 में शुरू हुआ था संरक्षण का काम
चर्च संरक्षण समिति के अध्यक्ष कमल बलूजा ने बताया है कि संरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है. रविवार 6 अगस्त को दिल्ली के उपराज्य वी.के. सक्सेना मुख्य अतिथि के रूप में इसका अनावरण करेंगे. बलूजा ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा 2015 में चर्च के संरक्षण योजना पर काम शुरू हुआ था. इसके संरक्षण के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए था. अक्टूबर 2021 में शुरू किया गया था. इस कार्य में कोविड महामारी और प्रदूषण को नियंत्रित करने के कारण निर्माण पर प्रतिबंध के कारण देरी हुई. लेकिन जुलाई 2022 में एक बार फिर तेज आई और काम को पूरा कर लिया गया.
पुराने रंग में बदला गया सेंट जेम्स चर्च
बलूजा के अनुसार किसी समय चर्च की बाहरी दीवारों का रंग बदलकर पीला कर दिया गया था. अधिकारियों की इच्छा थी कि इस चर्च को उसके मूल रंग में वापस लाया जाए. जिसके लिए पुराने दस्तावेज और फोटों को देखा गया. इस चर्चा में भारत ही नहीं, विदेश पर्यटक भी आते थे. पिछले कुछ समय से चर्च में संरक्षण का काम चल रहा था इसलिए प्रार्थना पैरिश हॉल में हो रही थी.
सेंट जेम्स चर्चा का इतिहास
1821 में सेंट जेम्स चर्च का निर्माण Scottish fighter जेम्स स्किनर ने कराया था. इसको बनने में लगभग 15 सालों का समय लगा और 1836 में बिशप डैनियल विल्सन ने इसमें पहली सेवा दी. इतिहासकार और लेखिका स्वप्ना लिडल (Swapna Liddle) ने अपनी बुक चांदनी चौक द मुगल सिटी ऑफ डेल्ही में स्किनर का ज्रिक किया है. उन्होंने स्किनर को एक स्कॉटिश सैन्य आधिकारी और एक भारतीय महिला का बेटा बताया है.