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Diwali Gifting के लिए GI Tagged गुलाबी मीनाकारी के प्रोडक्ट्स की बढ़ी डिमांड, लगातार मिल रहे हैं शुभता के प्रतीक गणेश, मोर और शंख के ऑर्डर्स, कारीगरों के भी चेहरे खिले

बाजार को दिवाली से बड़ी उम्मीदें रहती हैं और इस बार की दिवाली बनारस के गुलाबी मीनाकरी कारीगरों के लिए खुशियां लेकर आई है. GI Tag गुलाबी मीनाकरी के प्रोडक्ट्स की इस बार खूब मांग है, जिससे कारीगरों को अच्छा काम मिल रहा है.

High demand of Gulabi Meenakari products on Diwali High demand of Gulabi Meenakari products on Diwali
हाइलाइट्स
  • बनारस की गुलाबी मीनाकरी है खास 

  • नेशनल अवॉर्डी हैं आर्टिसन कुंज बिहारी

दिवाली पर अपने खास लोगों को तोहफे देने का रिवाज बहुत पुराना है. आजकल तो कंपनियां भी बड़े पैमाने पर कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए चीजें खरीदती हैं. इसलिए मार्केट के साथ-साथ इंडस्ट्रीज के लिए काम करने वाले कारीगरों को भी दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहता है. और इस बार बनारस के लिए दिवाली आने से पहले ही रोशन हो रही है. जी हां, इस साल GI और ODOP प्रोडक्ट गुलाबी मीनाकारी से तैयार गणेशजी की प्रतिमा, मोर और शंख जैसे तमाम चांदी और दूसरे धातुओं से तैयार गिफ्ट आइटम की मांग बढ़ गई है. इससे कारीगरों का रोजगार बढ़ रहा है.  

बनारस की गुलाबी मीनाकरी है खास 
यूं तो दुनिया भर में मीनाकारी का काम होता है. लेकिन पर्शिया से 16-17वीं शताब्दी में मुगलकाल में वाराणसी तक पहुंची गुलाबी मीनाकारी की बात कुछ खास है. गुलाबी मीनाकरी को GI और ODOP में शामिल करके इसके कारीगरों को सम्मान मिल चुका है. और अब रोजगार मिल रहा है. इस बार दीपावली के पर्व पर चांदी पर हुनरमंद हाथों से चढ़ाई गई गुलाबी मीनाकारी से शुभता के प्रतीक गणेश जी, मोरों का जोड़ा और शंख जैसे तमाम गिफ्ट आइटम्स को तैयार किया जा रहा है. 

गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवॉर्डी आर्टिसन कुंज बिहारी ने बताया कि इस बार कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए ऑर्डर की डिमांड बहुत आई हैं. जिसको पूरा करने में उनकी पूरी टीम लगी हुई है. एक गिफ्ट आइटम की कीमत की शुरुआत कम से कम 5000 रुपयो से होती है और यह चांदी के वजन और गुलाबी मीनाकारी के काम से और बढ़ती है. उन्होंने बताया कि ज्यादा काम के चलते उनको और उनकी पूरी टीम को खुशी है कि उनकी आमदनी भी बढ़ी है.

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छह पीढ़ियों से गुलाबी मीनाकरी के कारीगर
आपको बता दें कि खास गुलाबी मीनाकारी का रंग मेटल ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया के बाद आता है. अलग-अलग तरीके से अलग-अलग रंग खुद-ब-खुद बनकर तैयार होते हैं. कुंज बिहारी छठी पीढ़ी हैं जो इस काम को कर रहे हैं. उनके साथ उनकी टीम ने लगी महिलाओं और युवतियों ने बताया कि वे सभी काफी खुश हैं. क्योंकि इस बार काम की अधिकता की वजह से उनकी आमदनी भी काफी बढ़ गई है. 

गुलाबी मीनाकरी कुछ समय पहले तब चर्चा में आई थी जब पीएम मोदी ने 2022 की G7 मीट के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को गुलाबी मीनाकरी वाली ब्रोच और कफलिंक सेट गिफ्ट किया. इसके बाद से ही देशभर में गुलाबी मीनाकरी के बारे में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई. इसके अलावा, वाराणसी में टुरिज्म भी काफी ज्यादा बढ़ा है और यह भी एक कारण है कि लोगों की यहां के हस्तशिल्प के बारे में जानकारी बढ़ रही हैं.