Kolkata Metro Rail (Representative Image)
Kolkata Metro Rail (Representative Image) बेंगलुरु ट्रैफिक की भीड़ के लिए बदनाम है, खासकर सिल्क बोर्ड जंक्शन और इलेक्ट्रॉनिक सिटी कॉरिडोर जैसे प्रमुख मार्ग. लेकिन अब इससे निजात मिलने मिल जाएगा. येलो लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो शुरू होने वाली है. दरअसल, बेंगलुरु अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर कर रहा है. कुछ दिनों में बेंगलुरु में बिना ड्राइवर वाली मेट्रो रेल चलने वाली है. बेंगलुरु मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने शहर की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू करने की घोषणा की है.
बिना ड्राइवर वाली मेट्रो के पहले छह कोच हाल ही में चीन से बेंगलुरु पहुंचे हैं. यह ट्रेन, येलो लाइन का एक हिस्सा, आरवी रोड से सिल्क बोर्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक चलाई जाएगी. नए आए कोचों को इलेक्ट्रॉनिक सिटी के हेब्बागोडी डिपो में ले जाया गया है, जहां जनता के सामने पेश किए जाने से पहले उन्हें अच्छे से तैयार किया जाएगा.
चीन से बेंगलुरु तक का सफर
इन एडवांस कोचों की यात्रा चीन से शुरू हुई. इसे लेकर 2019 में एक कॉन्ट्रैक्ट भी हुआ था. 1,578 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट में 15 ट्रेनों की बात कही गई है. इनमें प्रत्येक ट्रेन में छह कोच होंगे, जिन्हें येलो लाइन पर तैनात किया जाएगा. पहला प्रोटोटाइप 24 जनवरी, 2024 को चीन से भेजा गया था, और यह 8 फरवरी को चेन्नई बंदरगाह पर पहुंचा था.
कई टेस्ट से गुजरना होगा
ड्राइवर रहित ट्रेनों का संचालन शुरू करने से पहले, उन्हें कई कड़े ट्रायल से गुजरना होगा. ये परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं कि ट्रेन की सुरक्षा और कार्यक्षमता अच्छे से देखी जा सके. इतना ही नहीं बैंगलोर पहुंचने पर, इसके अलग-अलग टेस्ट किए गए थे.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बीएमआरसीएल अधिकारियों ने संकेत दिया है कि तकनीकी अनुमति प्राप्त करने सहित पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग पांच से छह महीने लगेंगे. इस टाइमलाइन में येलो लाइन पर प्रोटोटाइप ट्रेन की स्थापना और सभी ट्रायल शामिल हैं.
19.15 किलोमीटर तक फैला है ये नेटवर्क
येलो लाइन बेंगलुरु के मेट्रो नेटवर्क का एक जरूरी सेगमेंट है, जो आरवी रोड से बोम्मासंद्रा तक 19.15 किलोमीटर तक फैला है. यह कई प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है, जिनमें व्यस्त सिल्क बोर्ड जंक्शन और इलेक्ट्रॉनिक सिटी का तकनीकी केंद्र शामिल है. इस लाइन पर ड्राइवर रहित ट्रेनों की शुरूआत से मेट्रो सेवा की क्षमता और दक्षता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इससे भारी भीड़भाड़ वाले सड़क मार्गों से बचा जा सकेगा.
दरअसल, येलो लाइन पर सिविल और ट्रैक कार्य पूरा होने के बावजूद, नए कोचों की अनुपस्थिति के कारण ट्रायल रन शुरू होने में देरी हुई है. बता दें, इन ड्राइवरलेस कोचों के निर्माण के पीछे चीनी फर्म है.