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अब जमीन से जुड़ी शिकायतों के लिए नहीं काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर, बिहार सरकार ने लॉन्च किया ऑनलाइन पोर्टल

अब कोई भी नागरिक अपने मोबाइल और कंप्यूटर से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है. यही नहीं शिकायतकर्ता अपने आवेदन का स्टेटस भी ऑनलाइन देख सकते हैं.

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हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन कम्प्लेन मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए सीधे राजस्व मंत्री से अब बिहार की जनता कर सकेंगे

  • बिहार सरकार ने शुरू किया ऑनलाइन शिकायत पोर्टल

बिहार में अब आम लोगों को राजस्व और भूमि से संबंधित समस्याओं के लिए बार-बार सीओ कार्यालय या अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. राज्य सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल लॉन्च किया है, जहां जनता अपनी शिकायतें सीधे विभागीय मंत्री संजय सरावगी तक दर्ज कर सकती है.

जमीन से जुड़ी किसी भी समस्या का ऑनलाइन होगा निपटारा
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने समस्तीपुर में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विभाग की सभी सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह एक बड़ी पहल है. अब जमीन से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए आम जनता को दफ्तरों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सारी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी. 

ऑनलाइन कंप्लेन मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया
उन्होंने आगे कहा, ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बावजूद लोग कार्यालयों में भीड़ लगाए रहते हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि या तो उन्हें ऑनलाइन सिस्टम की जानकारी नहीं है या फिर वह ठीक से काम नहीं कर रहा. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने अपने बजट भाषण में यह ऐलान किया था कि एक प्रभावी ऑनलाइन कंप्लेन मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जाएगा.

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आवेदन का स्टेटस भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा
अब कोई भी नागरिक अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है. यही नहीं, शिकायतकर्ता अपने आवेदन का स्टेटस भी ऑनलाइन देख सकता है, यानी उसकी शिकायत कहां तक पहुंची है, उस पर क्या कार्रवाई हुई है. यह सब जानकारी पारदर्शी रूप से उपलब्ध रहेगी. ऑनलाइन माध्यम से जो शिकायतें आती हैं, उनकी जांच कर विभाग की ओर से कार्रवाई भी की जा रही है. मार्च 2025 के बाद अब तक 50 से अधिक अधिकारियों पर उनके स्तर से कार्रवाई की जा चुकी है. इसके अतिरिक्त, पिछले वित्तीय वर्ष में 152 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई जो दोषी पाए गए थे. बिहार सरकार की यह डिजिटल पहल से न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि आम लोगों को भी चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.