Russia And India
Russia And India रूस-यूक्रेन हमले के बीच दुनिया के लगभग सभी देश अपनी साइड चुन चुके हैं. अब पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर हैं. सभी देखना चाहते हैं कि आखिर भारत किसकी तरफ होने वाला है. रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत एक अहम भूमिका निभाता है. इसका कारण है रूस से भारत के संबंध. और केवल रूस ही नहीं खुद अमेरिका से भारत के अच्छे संबंध माने जाते हैं. ऐसे में यूक्रेन समेत सभी देश भारत की ओर आस भरी नजरों से देख रहे हैं.
यूक्रेन के एम्बेसडर इगोर पोलिखा (Ukrainian ambassador Igor Polikha) ने भी गुरुवार को रूस और भारत के रिश्तों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि केवल भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो रूस से बात कर सकता है.
“भारत कर सकता है राष्ट्रपति पुतिन से बात”- यूक्रेन एम्बेसडर
यूक्रेन के एम्बेसडर इगोर पोलिखा ने कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को के बीच विशेषाधिकार के चलते पीएम मोदी ग्लोबल लीडर की भूमिका निभा रहे हैं, ऐसे में दूसरे देशों की तुलना में वे रूस से बात करने के लिए बेहतर स्थान पर हैं.
उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि पुतिन कितने विश्व नेताओं की बात सुन सकते हैं, लेकिन मोदी जी की हैसियत से मुझे उम्मीद है कि उनकी मजबूत आवाज के बाद, पुतिन को कम से कम पर इसपर विचार करना चाहिए. मुझे लगता है कि इस मामले में, आपके प्रधान मंत्री, पुतिन को संबोधित कर सकते हैं, वह हमारे राष्ट्रपति को संबोधित कर सकते हैं.”
यूक्रेन के एम्बेसडर की यूएन से अपील
आपको बता दें, युद्ध की घोषणा के बाद यूक्रेन में हालात काफी ख़राब हैं. हर जगह जानें जा रही हैं. ऐसे में गुरुवार को यूक्रेन के एम्बेसडर Sergiy Kyslytsya ने यूएन से मदद मांगी है. उन्होंने रूसी फेडरेशन को कहा, “आपने मेरे देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है. ये यूएन की जिम्मेदारी है कि वे इसे रोकें. मैं यूएन से अपील करता हूं कि इमरजेंसी मीटिंग करें और वो सभी उपाय करें जिनसे इस युद्ध को रोका जा सके. क्योंकि अब काफी देर हो चुकी है. रुसी प्रेजिडेंट ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है.”
उन्होंने आगे कहा, “इसे बंद करने के लिए पुतिन को कॉल करें, लावरोव को कॉल करें. वॉर क्रिमिनल्स के लिए कोई माफी नहीं होती है, वे सीधे नर्क में जाते हैं.”
भारत निभा रहा है ग्लोबल लीडर की भूमिका
रूस के भारत में डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को कहा कि भारत एक जिम्मेदार ग्लोबल लीडर के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि वे भारत की इंडिपेंडेंट पोजीशन का स्वागत करते हैं, जिसे उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो बार लिया.
उन्होंने कहा, "भारत एक जिम्मेदार ग्लोबल लीडर के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और वह वैश्विक मामलों के लिए एक स्वतंत्र और न्यूट्रल रुख अपना रहा है. रूस और भारत की साझेदारी एक मजबूत और ठोस नींव पर आधारित है. यह आपसी विश्वास पर आधारित है."
भारत और रूस के संबंध दशकों पुराने
गौरतलब है कि भारत और रूस का रिश्ता दशकों पुराना है. इन दोनों के लगभग सात दशक पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं. इसक सबसे बड़ा कारण है दोनों देशों काडिफेंस सेक्टर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल दो देशों के नेताओं के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता की है, जिसमें से एक शी हैं और दूसरे हैं रूस के पुतिन. ऐसे में भारत रूस को अलग-थलग करने का जोखिम नहीं उठा सकता है, खासकर जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा गतिरोध चल रहा हो.
अमेरिका से भी हैं ख़ास रिश्तें
एक तरफ यूक्रेन भारत से मदद मांग रहा है.. दूसरी तरफ अमेरिका भी भारत से बात करने की बात कह रहा है. इतना ही नहीं, शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम इसे लेकर भारत से विचार-विमर्श करेंगे.”
बता दें, अमेरिका के साथ भी भारत के संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं. भारत-चीन सीमा पर सर्विलांस के लिए कई अमेरिकी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया है. हाल ही में 50,000 सैनिकों के लिए सर्दियों के कपड़े यहीं से मंगवाए गए हैं.