
अक्टूबर 2021 में नकली पासपोर्ट को लेकर तमिलनाडु में हुई तीन गिरफ्तारियों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA सहित केंद्रीय एजेंसियों अलर्ट हो गईं. जिसके बाद हुई तमिलनाडु पुलिस की एक जांच में फर्जी पासपोर्ट रैकेट के पीछे सक्रिय लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) कैडरों के हाथ होने का पता चला है.
गिरफ्तारी के बाद अलर्ट हुई जांच एजेंसियां
चेन्नई में, तमिलनाडु पुलिस की 'क्यू' शाखा ने अक्टूबर 2021 में लेचुमनन मैरी फ्रांसिस्का को गिरफ्तार किया था. इसके अलाव एक अन्य श्रीलंकाई नागरिक को तमिलनाडु पुलिस ने मदुरै हवाई अड्डे पर एक नकली भारतीय पासपोर्ट के साथ श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान में सवार होने के दौरान गिरफ्तार किया था. इस बीच, एक अन्य व्यक्ति को उसके स्पेनिश पासपोर्ट के फर्जी पाए जाने के बाद त्रिची हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया. राज्य पुलिस ने इन सभी गिरफ्तारियों ने बाद केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था.
क्या है लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर्स ईलम (लिट्टे)?
लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर्स ईलम (लिट्टे) को तमिल टाइगर्स भी कहा जाता है. ये एक अलगाववादी संगठन है जो उत्तरी श्रीलंका के जाफना इलाके में सक्रिय है. ये संगठन उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना चाहते हैं.
राजीव गांधी की हत्या में शामिल था ग्रुप
लिट्टे ग्रुप अपनी सेना में बच्चों को बतौर सिपाही भर्ती करते थे. जिसे वो असैनिक हत्याकांड चला सकें. ये ग्रुप आत्मघाती बम विस्फोट और तमाम बड़ी-बड़ी हस्तियों पर हमला करने के लिए जाने जाते थे. राजीव गांधी के कत्ल में भी लिट्टे ग्रुप का ही हाथ था. 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे के आतंकियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आत्मघाती धमाका कर उनकी हत्या कर दी थी.
कौन था लिट्टे का लीडर?
लिट्टे का लीडर वेल्लुपिल्ले प्रभाकरण था. साल 2009 में श्रीलंका की सेना ने सैन्य कार्रवाई की थी, जिसमें प्रभाकरण मारा गया था. श्रीलंकाई सेना ने मल्लैतिवु के वानी क्षेत्र में लिट्टे के अंतिम गढ़ पर जोरदार हमला किया जिसमें प्रभाकरण मारा गया.