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Dehradun Floods: पांच घंटे तक 50 मीटर ऊंचे बिजली के खंभे पर फंसा रहा किसान, सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू एक्सपर्ट ने बचाई जान

सुबह करीब 4 बजे बाढ़ के पानी में बहते हुए देशपाल किसी तरह 50 मीटर ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ गया और वहीं अपनी जान बचाने के लिए चिपका रहा.

Dehradun Flood Rescue Dehradun Flood Rescue

देहरादून के प्रेमनगर इलाके में मंगलवार तड़के टोंस नदी उफान पर थी और 45 साल के एक किसान, देशपाल इसमें फंस गए. सुबह करीब 4 बजे बाढ़ के पानी में बहते हुए देशपाल किसी तरह 50 मीटर ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ गया और वहीं अपनी जान बचाने के लिए चिपका रहा.

3 घंटे बाद दिखा, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू
सुबह लगभग 6:55 बजे स्थानीय लोगों ने उसे देखा, तब तक वह करीब तीन घंटे से खंभे से लटका हुआ था. तुरंत NDRF को सूचना दी गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. शुरुआती कोशिशें असफल रहीं. ड्रोन के जरिए रस्सी भेजने का प्रयास नाकाम रहा. आखिरकार बचाव दल ने किसी तरह रस्सी खंभे तक पहुंचाई और उसे पास की होर्डिंग से बांधकर लाइफलाइन बनाई.

‘रैट-माइनर्स’ वाले जवान ने दिखाया साहस
इस मुश्किल वक्त में सामने आए एनडीआरएफ हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह, जो 2023 में सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू में भी सबसे पहले अंदर घुसे ‘रैट-माइनर्स’ में से एक थे. मनमोहन सिंह ने मंकी क्रॉल तकनीक से रस्सी पर धीरे-धीरे रेंगते हुए देशपाल तक पहुंचने का जोखिम भरा सफर तय किया.

जब वह उनके पास पहुंचा तो वह बेहद थका हुआ था और ठीक से जवाब भी नहीं दे पा रहा था. उन्होंने उसे हार्नेस में बांधा और रस्सी से सुरक्षित दूसरी ओर पहुंचाया.

100 मिनट का संघर्ष, फिर मिली जिंदगी
सुबह 7:10 बजे शुरू हुआ यह रेस्क्यू करीब 100 मिनट तक चला. अंततः सुबह 8:50 बजे देशपाल सुरक्षित जमीन पर उतरा, लगातार 5 घंटे तक मौत और जिंदगी के बीच जूझने के बाद. एनडीआरएफ की पूरी टीम की सराहना की जा रही है. उनके लिए यह लंबा और तनावपूर्ण ऑपरेशन था, लेकिन खुशी है कि एक जान बच गई. इस रेस्क्यू का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है. लोग इसे उम्मीद, साहस और जज़्बे की मिसाल बता रहे हैं. 

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