
Bride arrives on scooty at Marriage venue
Bride arrives on scooty at Marriage venue जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है उस तरह से धीरे-धीरे रीति रिवाज भी बदल रहे हैं. पहले दुल्हन नज़ाकत से साथ शादी के मंडप में एंट्री लेती थी मगर अब इसकी जगह डांस ने ले ली है. अब दुल्हन डांस करते हुए जयमाल के लिए आती है. पिछले दिनों आपने कई किस्से सुने होंगे जहां दुल्हन शादी का मंडप छोड़कर परीक्षा देने पहुंच गई या फिर शादी करने से मना करने पर दूल्हे के घर के आगे जाकर धरना देकर बैठ गई. ऐसा ही कुछ नजारा फिरोजाबाद में एक शादी के दौरान देखने को मिला, जहां एक दुल्हन शादी के मंडम में स्कूटी से पहुंची.
तालियों से हुआ स्वागत
दुल्हन दिल्ली के शाहदरा की रहने वाली है. शादी में दुल्हन की इस तरह एंट्री की हर कोई तारीफ कर रहा है. बता दें कि शादी फिरोजाबाद जिले के एका ब्लॉक के गांव रामपुर में थी,जहां अभिलाषा शादी के पंडाल में स्कूटी पर बैठकर जयमाल के लिए पहुंची. इस दौरान उनके होने वाले पति अमिलाषा के पीछे स्कूटी पर बैठे हुए थे, जबकि वो स्कूटी चला रही थीं. स्कूटी चलाकर दूल्हे को पीछे बैठाकर जब दुल्हन जयमाला कार्यक्रम में आई तो वहां मौजूद लोगों ने फूल बरसाकर और तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. दूल्हा पक्ष के लोगों ने दुल्हन के साथ आये लोगों की जमकर की खातिरदारी की.

स्कूटी पर हुई धमाकेदार एंट्री
जयमाला स्थल पर गांव के लोग व रिश्तेदार दुल्हन के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे तभी दुल्हन की स्कूटी पर एक धमाकेदार एंट्री हुई और वहां बैठे सभी लोग दुल्हन की इस एंट्री को देख चौक गए क्योंकि दुल्हन अपने दूल्हे को खुद स्कूटी चलाकर दूल्हे को जयमाला के लिए लाई थी. दूल्हा और दुल्हन के पहुंचते ही गांववालों और रिश्तेदारों ने ताली बजाकर और फूल बरसाकर दोनों नावदंपत्तयों का स्वागत भी किया. एक नई परंपरा की शादी गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है.
शादी को यादगार बनाना चाहता था जोड़ा
गौरतलब है कि सोमवार को एका ब्लॉक के रामपुर निवासी रामबहादुर उर्फ पप्पू के पुत्र राहुल की शादी दिल्ली के शाहदरा निवासी अभिलाषा राम की पुत्री काजल के साथ तय हुई थी. राहुल और काजल आपसे में पहले से ही परिचित थे. काजल रविवार की शाम अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियो के साथ रामपुर निवासी एक रिश्तेदार के घर आ गई थी. वहीं से लगभग 100 मीटर की दूरी पर दुल्हन काजल अपने दूल्हे को जयलामा पंडाल तक स्कूटी पर ले गई. अपने दूल्हे को लेकर पहुंची दुल्हन को देख गांव वालों उसकी तारीफ करने लगे. गांववालों के लिए यह तरीका बिल्कुल नया था उनका कहना है कि यह शादी 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत की गई है.
वहीं दुल्हन काजल का कहना है कि मुझे और मेरे पति को अपनी शादी यादगार बनानी थी, इसलिए मैं खुद उन्हें स्टेज तक ले गई. आज के जमाने मे लड़कियां भी लड़कों से कम नही हैं.
फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा की रिपोर्ट