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देश को मिली पहली रैपिड रेल, एलस्टॉम इंडिया कंपनी ने NCRTC को सौंपी चाबी, जानें खासियत

शनिवार को एलस्टॉम इंडिया कंपनी ने एनसीआरटीसी को पहली रैपिड रेल की चाबी सौंपी दी है और साथ ही बताया है कि जल्द ही सराय काले खां-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर पहली रैपिड रेल चलेगी.

India's First Rapid Train India's First Rapid Train
हाइलाइट्स
  • एलस्टॉम इंडिया कंपनी ने एनसीआरटीसी को सौंपी पहली रैपिड रेल की चाबी

  • आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी

गुजरात के सावली में एलस्टॉम इंडिया कंपनी ने एनसीआरटीसी को पहली रैपिड रेल की चाबी सौंपी दी है. यह ट्रेन सड़क के रास्ते गाजियाबाद स्थित रैपिड रेल के दुहाई डिपो में लाई जाएगी. शनिवार को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण ये पहली ट्रेन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को सौंप दी गई. पहली रैपिड रेल सराय काले खां-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर चलेगी.

आरआरटीएस ट्रेन का डिजाइन हैदराबाद में तैयार किया गया और इसे गुजरात के सावली में बनाया गया है. इस ट्रेन की गति की बात करें तो यह 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल चल सकती है. एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम बेहतर सुविधा यात्रियों को दें. इसके लिए हम लगातार तेज गति के साथ काम को बढ़ा रहे हैं. अगले साल तक पहले चरण में रैपिड रेल चलने के लिए प्रतिबद्ध है और उसके बाद हर चरण में यह काम प्रगति के साथ चलता रहेगा. 

160 किमी/घंटे है ऑपरेशनल स्पीड

Rapid Train to star soon

भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेन का हाल ही में,16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था. 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी.

अभी शुरुआती दौर में सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कारों की डिलीवरी कर रहा है. इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं.

आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी. ये दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी.

और क्या-क्या हैं विशेषताएं
 

  • प्लग-इन-दरवाजे के साथ एयरोडायनेमिक प्रोफ़ाइल, उच्च गति पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए.
  • प्रवेश और निकास के लिए यात्रियों के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच. 
  • एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग, ओवरहेड लगेज रैक के साथ कुशन वाली सीटें.
  • हर ट्रेन में एक 'प्रीमियम क्लास कार,' जो आरामदायक, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरूम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी और वेंडिंग मशीन की सुविधा भी होगी. 
  • महिलाओं के लिए आरक्षित होगा एक कोच.
  • एनर्जी एफिशिएंट होंगी ये ट्रेनें 
  • सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS) से लेस
  • वाई-फाई और ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट भी होगा
  • हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट
  • दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह का प्रावधान
  • डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले, आपातकालीन संचार सुविधाएं
  • इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम
  • उन्नत सुरक्षा के लिए उन्नत ETCS स्तर II सिग्नलिंग, स्वचालित ट्रेन संचालन और प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) के साथ संगत
  • अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर आधारित डिजाइन और निर्माण
  • अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा और खतरे के आकलन के आधार पर उपयुक्त एसआईएल स्तर
  • आंतरिक और बाहरी आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम भी होगा