
पंजाब में इन दिनों बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं. राज्य के 12 जिलों में 1044 गांवों के करीब 256107 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. मौसम विभाग ने आगे भी कई जिलों में जोरदार बारिश का अलर्ट जारी किया है. प्रदेश भर के करीब 3 लाख एकड़ खेती वाली जमीन जलमग्न हो गई है. पंजाब की मान सरकार तो बाढ़ पीड़ितों की सहायता में जुटी ही हुई है. इस बीच आम लोग और सरकारी कर्मचारी भी आगे आकर बढ़-चढ़कर मदद कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि आबकारी और कर विभाग के कर्मचारियों की ओर से 50 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए एकत्र किए गए हैं. इन राशि का इस्तेमाल बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए की जाएगी.
सभी लोग आगे आकर करें बाढ़ पीड़ितों की मदद
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आबकारी और कर विभाग के कर्मचारियों ने 50 लाख रुपए की राशि का चेक एकत्र करके मुझे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए सौंपा है. पूरी दुनिया में पंजाब लोगों को आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है. दुनिया के अंदर पंजाबियों की एक ही पहचान है. ये दूसरे लोगों की मदद करते हैं और आपस में भी मदद करते हैं. मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि सभी लोग आगे आकर मदद करें ताकि कोई भूखा न सोये और न ही पशुओं को चारे की कमी हो. पशुओं की उनकी खुराक मिलती रहनी चाहिए.'
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पंजाब में पिछले 25 वर्षों में इस बार बारिश का रिकॉर्ड टूटा है, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है. सीमावर्ती इलाकों में हालात सबसे खराब हैं, जहां सीमा सुरक्षा बल (BSF) लोगों के लिए एकमात्र उम्मीद है. सैलाब में फंसे लोगों को बचाने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए BSF युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. इस अभियान में 69 हेलिकॉप्टर, 45 वाटरबोट और 30 वाहन जुटे हुए हैं. फिरोजपुर के भारत-पाकिस्तान सीमा से कुछ किलोमीटर दूर BSF ने राहत बचाव अभियान चला रखा है.