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Representative Image वन विभाग की टीम को एक घर में कुछ सांपों के मौजूद होने की सूचना मिली. जिसके बाद वन विभाग की टीम फौरन उन सांपों के रेस्क्यू के लिए निकल पड़ी. मौके पर जब वन विभाग की टीम पहुंची तो वह दंग ही रह गई. दरअसल जिस घर में उन्हें सांपों के मौजूद होने की सूचना मिला थी. वहां एक-दो नहीं बल्कि पूरे दस सांप थे. ऐसे में यह वन विभाग की टीम के लिए भी काफी कड़ी चुनौती थी की वह सभी सांपों को सकुशल बाहर निकाले. इसके अलावा वन विभाग की टीम ने वहां कोबरा को भी पाया. जिसके बारे में बताया जाता है कि वह जहरीली प्रजातियों में से एक है.
स्केपटिकल कोबरा ने फैलाया फन
वन विभाग की टीम को बेहद ही खतरनाक सांपों के बीच अपने पैर रख उन्हें रेस्क्यू करवाया पड़ा. जिनमें दो स्केपटिकल कोबरा थे और 8 रैट स्नेक थे. कोबरा के बारे में कहा जाता है कि यह जहरीला होता है, जबकि रैट स्नैक की प्रजाति जहरीली नहीं होती है. काफी कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम उन्हें रेस्क्यू करवा पाई. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने सभी सांपों को सकुशल उनके प्राकृतिक क्षेत्र में छोड़ दिया.
क्या कहना है वन विभाग का
वन विभाग के डीएफओ (Divisional Forest Officer) के मुताबिक भारत में मुख्य रूप से सांपों की चार प्रजाति खतरनाक है, और उन सांपों में कोबरा भी शामिल है जिससे सावधान रहने की आवश्यकता होती है. दरअसल यह प्रजातियां जहरीली बताई जाती हैं. कोबरा को लेकर उन्होंने कहा कि यह काफी जहरीला सांप होता है. साथ ही सांप की क्रेट प्रजाति को भी जहरीला बताया जाता है. चार प्रजातियों के अलावा भारत में पाई जाने वाली सांप की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं होती है.
क्या बोले डीएफओ
इस विषय पर डीएफओ रामपुर प्रणव जैन ने बताया, "हमको सूचना मिली थी कि मड़ियाल कल्लू गांव, जो सदर तहसील रामपुर में है. वहां पर कुछ सांप हैं. तो मौके पर हमारा स्टाफ सजन बहादुर सिंह पहुंचे. वहां पर 10 सांप मिले, जिसमें से दो स्केपटिकल कोबरा थे और जो आठ थे वह रैट स्नेक थे. रैट स्नेक नॉन वेनेमस (बिना जहर वाले) थे. लेकिन जो दो बड़े सांप थे वह बेहद ज़हरीले होते हैं. सांपों को रेस्क्यू कर लिया गया है और अब उन्हें उनके प्राकृतिक क्षेत्र में छोड़ दिया गया है."
-आमिर खान की रिपोर्ट