
International Woman's Day 2025
International Woman's Day 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Woman's Day) 2025 पर समस्तीपुर रेलवे स्टेशन की पूरी कमान महिला रेलकर्मी के हवाले रहा. महिलाओं के लिए इस दिन को खास बनाने के लिए मंडल के कई स्टेशनों का संचालन महिलाओं से कराया गया. इस महत्वपूर्ण दिवस पर महिला रेलकर्मी ट्रेन चलाने से लेकर टिकट काटने और ट्रेनों के आवागमन को लेकर उद्घोषणा करने, यात्रियों की सुरक्षा टिकट चेकिंग सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को बखूबी से निभाते हुए ये साबित कर दीं कि महिलाएं अब किसी भी कार्य में पुरुषों से कम नहीं हैं. वे पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकतीं है.

लगाई गई थीं महिलाओं की ड्यूटी
महिला दिवस पर डीआरएम विनय श्रीवास्तव के निर्देश पर 13226 इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन की पूरी कमान महिला रेलकर्मियों को दी गई थी. इसमें लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), टिकट चेकिंग स्टाफ और यात्रियों के सुरक्षा के लिए आरपीएफ की महिला सिपाही को ड्यूटी पर लगाया गया था. इसके अलावे ट्रेन संचालन के लिए पैनल,आरक्षण काउंटर, आरक्षित काउंटर और इंक्वायरी पर पर भी महिलाओं की ड्यूटी लगाई गई थी.

चेहरे पर मुस्कान के साथ चलाई ट्रेन
दानापुर से जयनगर को जाने वाली 13226 इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन जब समस्तीपुर पहुंची तो पहले से ट्रेन को चलाने का इंतजार कर रहीं महिला लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के चेहरे पर मुस्कान झलक रही थी. इन दोनों के अलावा गार्ड के भी चेहरे खिले हुए थे. हो भी क्यों न क्योंकि इन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ट्रेन चलाने की जिम्मदरियां दी गई थी.

हरी झंडी दिखा ट्रेन को किया रवाना
ट्रेन में चढ़ने से पहले लोको पायलट और आरपीएफ की महिला सिपाही का महिला रेलकर्मियों ने बुके और माला पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद ट्रेन चलाने के लिए जब सिग्नल मिला तो महिला लोको पायलट वॉकी टॉकी के जरिए गार्ड से वार्ता कर हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को जयनगर के लिए लेकर चल पड़ीं. इसी तरह ट्रेन के पीछे से महिला गार्ड चालक को ट्रेन चलाने के लिए हरी झंडी दिखा रही थी. वही ट्रेन के अंदर महिला कर्मी टिकट चेकिंग भी कर रही थी. सभी के चेहरे पर एक मुस्कान थी और ट्रेन का संचालन बखूबी कर रही थी.

टिकट चेकिंग और टिकट काटने की जिम्मेदारी भी महिलाओं को
महिला दिवस पर समस्तीपुर स्टेशन पर आरक्षण काउंटर अनारक्षित टिकट काउंटर और पूछताछ काउंटर की जिम्मेदारी महिला रेलकर्मियों को दी गई थी. आरक्षण के चार काउंटर चल रहे थे. इसपे सभी महिलाएं बखूबी टिकट काटकर यात्रियों को दे रही थीं. इसी तरह अनारक्षित के सभी काउंटर पर महिलाएं टिकट काट रही थी. यात्रियों से भाड़ा लेकर उन्हें टिकट दे रही थी. पूछताछ काउंटर पर भी महिला रेलकर्मी यात्रियों को ट्रेन के आने की जानकारी दे रही थीं. इन सारी तस्वीरों से तो ये साफ हो गया कि महिलाएं अब किसी से कम नहीं हैं. इन्हें जो भी जिम्मेदारियां दी जाएगी उसको बखूबी तरीके से निभा सकतीं है.