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गडकरी ने लॉन्च किया Toyota Flex Fuel Car का पायलट प्रोजेक्ट, जानिए क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल?

पेट्रोल की कीमत का दर्द कम करने के लिए मोदी सरकार गंभीरता से लगी हुई है. केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी कड़ी में टोयोटा फ्लेक्स फ्यूल कार का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया. ये अपनी तरह की पहली कार होगी. ये प्रोजेक्ट प्रदूषण को कम करने को लेकर भी बेहद अहम है.

गडकरी ने लॉन्च किया Toyota Flex Fuel Car का पायलट प्रोजेक्ट गडकरी ने लॉन्च किया Toyota Flex Fuel Car का पायलट प्रोजेक्ट
हाइलाइट्स
  • कोरोला मॉडल में फ्लेक्स फ्यूल किट को फिट किया गया है

  • प्रदूषण पर रोक लगाएगा फ्लेक्स फ्यूल

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को देश की पहली फ्लेक्सी-फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी FFV-SHEV लॉन्च की. जापान की टोयोटा कंपनी की इस पायलट परियोजना के तहत गाड़ी पूरी तरह से वैकल्पिक ईंधन एथेनॉल से चल सकती है. जिससे प्रदूषण को कम करने के साथ ही ईंधन का खर्च भी कम किया जा सकेगा.

इस मौके पर गडकरी ने कहा, "ये सस्ता विकल्प है. हम प्रदूषण पैदा कर रहे हैं जो एक बड़ी समस्या है. हमारे देश में प्रदूषण का एक बड़ा कारण गाड़ियां भी हैं. प्रधानमंत्री से लेकर हम सबका कार्बन उत्सर्जन रोकने का सपना है. इसी वजह से हमें इलेक्ट्रिक, एथेनॉल, मेथेनॉल, बायो डीजल, बायो सीएनजी, बायो एलएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है."

टोयोटा के कोरोला मॉडल में फ्लेक्स फ्यूल किट को फिट किया गया है. ये एक एल्टिस FFV-SHEV है. जिसे पायलट प्रोजेक्ट के लिए टोयोटा ब्राजील से आयात किया गया है.

फ्लेक्स फ्यूल क्या है?
फ्लेक्स फ्यूल एक ईंधन है जिसे गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलाकर बनाया जाता है. जिसमें पेट्रोल की कम मात्रा और बाकी चीजों की ज्यादा मात्रा होती है. फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों को तैयार करने के लिए इंजनों में भी कुछ बदलाव करना होगा. इससे लोगों को महंगा पेट्रोल-डीजल नहीं खरीदना होगा. साथ ही पेट्रोल डीजल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता भी कम होगी. गडकरी ने कहा कि, "मुझे हमेशा लगता है कि फ्लेक्स फ्यूल पेट्रोल को रिप्लेस करने जा रहा है, ये बेहद मुश्किल लगता है, लेकिन मैं लोगों से अक्सर कहता हूं कि इंपॉसिबल का मतलब है आई एम पॉसिबल."

भारत में पहली बार ऐसी कार आई है जो ब्लेंड फ्यूल पर चलेगी दुनिया में यूएस, ब्राजील और कनाडा ही ऐसे देश हैं, जहां फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियां हैं. अब भारत में इसके जरिए बड़े बदलाव की कोशिश की जा रही है.