Indian Railway Bedroll
Indian Railway Bedroll ट्रेनों में सफर करने वाले लाखों रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है. एसी कोच में अब यात्रियों को साफ व बेहतर क्वालिटी के बेडरोल मिलेंगे. रेलवे को मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड ने उच्च गुणवत्ता वाले पिलो कवर, चादर व कंबल खरीदने का फैसला लिया है. राजस्थान से चलने वाली कुछ प्रमुख ट्रेनों से इसका ट्रायल लिया जाएगा. ट्रायल सफल रहा तो आने वाले समय में बेहतर क्वालिटी के साफ व बेहतर बेडरोल यात्रियों को मिलेंगे.
बेडरोल संबंधित मिलती हैं सबसे ज्यादा शिकायतें
देशभर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेन लाखों यात्रियों को लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य जाती हैं. इन ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को पिलो, पिलो कवर, ओढ़ने व बिछाने के लिए दो चादर व एक कंबल दिया जाता है. ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की वैसे तो सफाई, गंदगी, ट्रेन लेट होने सहित कई तरह की शिकायतें रेलवे को रोज मिलती है. लेकिन सबसे ज्यादा शिकायत है बेडरोल संबंधित रहती है.
इन शिकायतों को देखते हुए रेलवे बोर्ड की तरफ से बेडरोल की गुणवत्ता चेक करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. उसकी रिपोर्ट आने के बाद रेलवे बोर्ड ने उच्च गुणवत्ता वाले लिलन के बेडरोल खरीदने के निर्देश दिए हैं. उच्च गुणवत्ता वाले लिलन के बेडरोल का रखरखाव आसान व सस्ता होगा.
बेहतर क्वालिटी के बेडरोल खरीदने के निर्देश
उत्तर पश्चिम रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी शशीकरण ने बताया कि रेलवे बोर्ड की तरफ से बेहतर क्वालिटी के बेडरोल खरीदने के निर्देश मिले हैं. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसमें कंबल, चादर, पिलो कवर, पिलो सभी शामिल है. राजधानी, हमसफर व गरीब रथ जैसी प्रमुख ट्रेनों में इन बेडरोल को दिया जाएगा. जल्द ही इसका ट्रायल शुरू होगा. ट्रायल सफल रहने के बाद अन्य ट्रेनों में भी इसी तरह के बेडरोल दिए जाएंगे. अभी तक ट्रेनों में मिलने वाले बेडरोल की लाइफ एक साल होती है. लेकिन इनकी लाइफ 2 साल होगी.
इन ट्रेनों में होगा ट्रायल
उत्तर पश्चिम रेलवे से चलने वाली उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय रोहिल्ला, उदयपुर सिटी-मैसूरू ट्रेन, जोधपुर-तिरूच्चलापल्लि, श्रीगंगानगर-तिरूच्चलापल्लि, जोधपुर-बांद्रा टर्मिनस, बाड़मेर-बांद्रा टर्मिनस, फिरोजपुर-रामेश्वरम, दिल्ली अहमदाबाद राजधानी एक्सप्रेस, हमसफर जैसी कुछ ट्रेनें हैं जिनमें ट्रायल के तौर पर यात्रियों को यह बेडरोल दिए जाएंगे और लगातार उनकी मॉनिटरिंग होगी. यात्रियों का अच्छा फीडबैक आने पर अन्य ट्रेनों में भी इसी तरह की प्रक्रिया काम में ली जाएगी.
-हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट