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सरकार का बड़ा फैसला! तेल कंपनियों को मिलेगा 30,000 करोड़ का मुआवजा, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी होगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन सरकारी तेल विपणन कंपनियों (IOCL, BPCL और HPCL) को 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया गया है.

 Rs 30,000 Crore subsidy to Oil marketing companies Rs 30,000 Crore subsidy to Oil marketing companies
हाइलाइट्स
  • मुनाफे से ज्यादा जिम्मेदारी निभा रही हैं कंपनियां

  • उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी मिलेगा फायदा

एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन सरकारी तेल विपणन कंपनियों (IOCL, BPCL और HPCL) को 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया गया है.

इस रकम के जरिए घरेलू एलपीजी की बिक्री में हुए घाटे की भरपाई की जाएगी. यह मुआवजा 12 किस्तों में कंपनियों को दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सौंपी गई है.

मुनाफे से ज्यादा जिम्मेदारी निभा रही हैं कंपनियां
सरकारी तेल कंपनियां घरेलू LPG सिलेंडर को नियंत्रित दरों पर जनता तक पहुंचाती हैं. बीते वित्त वर्ष 2024-25 और अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में LPG के दाम ऊंचे बने हुए हैं, लेकिन इनका सीधा असर आम लोगों की जेब पर न पड़े, इसलिए केंद्र सरकार ने इन बढ़े हुए दामों को ग्राहकों पर नहीं थोपा.

इस वजह से IOCL, BPCL और HPCL को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. इसके बावजूद इन कंपनियों ने लगातार देशभर में सिलेंडरों की आपूर्ति जारी रखी, जिससे आम जनता को राहत मिलती रही.

कर्ज से राहत और सप्लाई में स्थिरता
इस मुआवजे से तेल कंपनियों को कच्चे तेल और LPG की खरीद, कर्ज की अदायगी और कैपिटल एक्सपेंडिचर जैसे जरूरी खर्च पूरे करने में मदद मिलेगी. साथ ही ये कंपनियां देशभर में एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति बनाए रख सकेंगी.

सरकार का ये फैसला यह भी दर्शाता है कि वैश्विक बाजार में ऊर्जा कीमतों की अस्थिरता के बीच सरकार अपने उपभोक्ताओं को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी मिलेगा फायदा
सरकार की इस मदद से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को भी राहत मिलेगी, जो पहले से ही सब्सिडी के जरिए सिलेंडर खरीदते हैं. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि स्वच्छ ईंधन सभी तक पहुंचे और कोई परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी या कोयले पर निर्भर न रहे.

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