
भारत में नेशनल सड़कों के लिए सैटेलाइट-आधारित टोलिंग प्रणाली जल्द ही लागू होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही नई प्रणाली को लागू करना शुरू कर देगा. इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर यातायात को कम करना और राजमार्गों पर यात्रा की सटीक दूरी के लिए वाहन चालकों से शुल्क वसूलना है.
गडकरी ने कहा, ''सरकार देश में टोल प्लाजा व्यवस्था को बदलने के लिए जीपीएस-आधारित टोल सिस्टम सहित नई प्रौद्योगिकियां लाने पर विचार कर रही है. मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि मार्च 2024 तक एनएचएआई राष्ट्रीय सड़कों पर एक टोल प्रणाली लागू करेगा जो सैटेलाइट प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी.
पहले कितना टाइम लगता था
विश्व बैंक को हाल ही में भारत द्वारा टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय को कम करने और भूमि बंदरगाहों पर निर्यात रिलीज समय में तेजी लाने में महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में सूचित किया गया था. FASTag की शुरुआत के बाद, टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय काफी कम हो गया है, अब यह केवल 47 सेकंड है, जबकि पहले 714 सेकंड का इंतजार करना पड़ता था. भारत सरकार ने हाल ही में एक बहस में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के सामने अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं.
वाहन रोके बिना कट जाएगा टैक्स
सड़क परिवहन मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि, पिछले साल नवंबर तक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत एजेंसियों ने 5,248 किमी एनएच का विस्तार या समापन किया था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 4,766 किमी था. मंत्री ने कहा कि हम अगले साल मार्च में देशभर में जीपीएस सैटेलाइट टोल कलेक्शन शुरू करेंगे. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने वाहनों को रोके बिना स्वचालित टोल कलेक्शन के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे) की दो पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार आम चुनाव की आदर्श संहिता लागू होने से पहले 1 हजार किलोमीटर से कम लंबाई की राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 'बनाओ-चलाओ और सौंप दो (बीओटी) मॉडल पर 1.5-2 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की बोली मंगाएगी. आम चुनाव अप्रैल से मई 2024 के बीच होने की संभावना है.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें जारी
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले साल आम चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार एक हजार किमी से कम लंबाई वाले 1.5 से दो लाख करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाओं की निविदाएं निकालेगी. देश में अब तक 13.45 करोड़ से अधिक एचएसआरपी लगाईं गईं अब तक देश में वाहनों में 13.45 करोड़ से अधिक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाई जा चुकी हैं. अपडेटेड भारतमाला फेज-1 या वैकल्पिक कार्यक्रमों की मंजूरी में देरी हुई है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि इसका परियोजना बोली पर क्या प्रभाव पड़ेगा. इस साल प्रदान की गई परियोजनाओं की कमी का वित्त वर्ष 2024-2025 में निर्माण की प्रगति पर प्रभाव पड़ सकता है. वित्त मंत्रालय ने सड़क मंत्रालय को निर्देश दिया है कि नई कैबिनेट की अनुमति के बिना कोई भी नई भारतमाला परियोजना शुरू न की जाए, जिसका सरकार की प्रमुख पहल के तहत 8,000 किमी से अधिक एनएच मार्गों के निर्माण पर असर पड़ेगा.