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हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था...परिवार में 12 सदस्य और वोट मिला सिर्फ एक, वह भी खुद का

वोटों की गिनती होने के बाद संतोष हलपति इतना भावुक हो गया कि वह काउंटिंग सेंटर पर ही रोने लगा. संतोष का कहना है कि मेरे परिवार के लोगों ने ही मुझे वोट नहीं दिया.

उम्मीदवार संतोष काउंटिंस सेंटर पर ही रोने लगा उम्मीदवार संतोष काउंटिंस सेंटर पर ही रोने लगा
हाइलाइट्स
  • परिवार का भरोसा नहीं जीत पाया उम्मीदवार

  • काउंटिंग सेंटर पर ही रोने लगा संतोष

वो किसी ने लिखा है ना-हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था. गुजरात के पंचायत चुनाव में एक उम्मीदवार के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसपर ये पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं.

परिवार में 12 सदस्य और वोट मिला सिर्फ एक, वह भी खुद का
कोई उम्मीदवार चुनावी मैदान में हो तो एक बात की पूरी उम्मीद रहती है कि कोई साथ दे या न दे घर वाले तो साथ देंगे ही. लेकिन, गुजरात के वापी जिले के पंचायत में एक उम्मीदवार अपने परिवार का ही भरोसा नहीं जीत पाया. परिवार में 12 सदस्य हैं लेकिन उम्मीदवार को वोट मिला सिर्फ एक.

परिवार का भरोसा नहीं जीत पाया उम्मीदवार
चुनाव चाहे कोई भी हो कुछ न कुछ मजेदार जरूर होता है. गुजरात में 8 हजार से ज्यादा पंचायत के चुनाव हुए. लेकिन, वापी जिले के छरवाला गांव के पंचायत चुनाव की चर्चा सब तरफ है. दरअसल, जिस शख्स को सिर्फ एक वोट मिले हैं उसका नाम संतोष भाई है. परिवार में संतोष को मिलाकर कुल 12 लोग हैं और उसे उम्मीद थी कि परिवार के सभी लोग उसे वोट देंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ.

काउंटिंग सेंटर पर ही रोने लगा संतोष
वोटों की गिनती होने के बाद संतोष हलपति इतना भावुक हो गया कि वह काउंटिंग सेंटर पर ही रोने लगा. संतोष का कहना है कि मेरे परिवार के लोगों ने ही मुझे वोट नहीं दिया. अब संतोष शायद यह सोचकर खुद संतोष खुद को दिलासा दे सकते हैं कि अपनी जीत पर इतना गुमान मत कर ऐ गालिब, तेरी जीत से ज्यादा मेरी हार के चर्चे हैं.