सीएम योगी के साथ हकीकुन निशा व अन्य पार्षद
सीएम योगी के साथ हकीकुन निशा व अन्य पार्षद यूपी नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने सभी 17 नगर निगम में जीत दर्ज कर सफलता का नया कीर्तिमान बनाया है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रचार और उनके नेतृत्व को दिया जा रहा है. उधर, गोरखपुर में बीजेपी प्रत्याशी हकीकुन निशा ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. गोरखनाथ मंदिर के प्रभाव वाले वार्ड से चुनाव जीतकर हकीकुन निशा बीजेपी की पहली मुस्लिम महिला पार्षद बनीं हैं.
बाबा गम्भीरनाथ वार्ड (वार्ड संख्या 5) की सीट महिला के लिए आरक्षित थी. इस सीट से हकीकुन निशा ने निर्दलीय प्रत्याशी शाहीन को 647 मतों के अंतर से हराया. शाहीन को समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया था. चुनाव में बीजेपी ने गोरखपुर से मुस्लिम महिला के रूप में एकमात्र हकीकुन निशा को टिकट दिया था.
योगी आदित्यनाथ के काम से प्रभावित हैं हकीकुन निशा
हकीकुन निशा को राजनीति का कोई अनुभव नहीं है पर वो योगी आदित्यनाथ के काम से प्रभावित हैं. उनके पति बरकत अली लम्बे समय से गोरखनाथ मंदिर और योगी आदित्यनाथ से जुड़े हैं. वह गोरखपुर में भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं.
लोगों को योजनाओं का दिलाएंगी लाभ
योगी आदित्यनाथ रविवार को गोरखपुर में सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से मिले. गोरखनाथ मंदिर में हकीकुन निशा भी सीएम से मिलीं. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लिया. योगी ने जीत पर बधाई देते हुए उनके साथ शहर के विकास के लिए प्राथमिकताओं पर चर्चा की. हकीकुन निशा कहती हैं कि महाराज जी के नेतृत्व में अब गोरखपुर के विकास के लिए काम करूंगी. लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाउंगी. सबका साथ सबका विकास के लिए काम करूंगी.
महाराज जी के विजन का है पता
हकीकुन निशा के पति बकरत अली 2009 में सांसद योगी आदित्यनाथ के सम्पर्क में आए थे. बरकत अली का कहना है कि मेरी पत्नी गृहिणी हैं, लेकिन महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) के काम और उनके विजन का उनको पता है. हम लोगों का संयुक्त परिवार है, ऐसे में सभी ने हकीकुन निशा का साथ दिया.
मोदी की रैली के लिए जमीन दिलाने में की थी मदद
2014 में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की गोरखपुर में रैली होनी थी. हकीकुन निशा के पति बरकत अली ने रैली के लिए ग्राउंड दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. करीब दो दशक पहले गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मानबेला में कुछ गावों की जमीन का अधिग्रहण किया था. उस समय बरकत अली ने किसानों के लिए मुआवजे की मांग के लिए उनका नेतृत्व किया था. उस समय योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे. वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडे उस समय की बात याद करते हुए कहते हैं, योगी जी किसानों की मांगों से सहमत थे. मानबेला के आसपास फत्तेपुर और नोतन मुस्लिम बहुल गांव थे. उन पीड़ित किसानों को साथ लाने में स्थानीय नेता मनोज सिंह और किसान बरकत अली ही कड़ी बने.
फर्टिलाइजर कारखाने के मैदान में रैली चाहते थे योगी
योगी का प्रयास था कि फर्टिलाइजर कारखाने के मैदान में मोदी की रैली हो लेकिन बात बन नहीं पाई. फर्टिलाइजर के पूर्वी गेट से कुछ आगे मानबेला का बड़ा पर उबड़-खाबड़ वह मैदान था जिसका जीडीए ने अधिग्रहण कर रखा था. आसपास के गांव अल्पसंख्यक बहुल थे. मैदान को समतल करना भी एक चुनौती का कार्य था. उस समय मनोज सिंह के साथ किसान बरकत अली ने किसानों को जोड़ा. यहीं से बरकत अली का गोरखनाथ मंदिर आने का सिलसिला भी शुरू हो गया.
सीएम योगी पर सभी समाज के लोगों का है भरोसा
अब बरकत अली की पत्नी हकीकुन निशा की जीत के बाद उन अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में विकास के लिए योगी के नेतृत्व में वो काम करने वाली हैं. वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडे कहते हैं कि कुछ लोगों की ये सोच गलत है कि योगी विशेष वर्ग के नेता हैं. उनके ऊपर सभी समाज के लोगों का भरोसा है और वो सबके लिए काम करते रहे हैं. हकीकुन निशा भी उनके नेतृत्व में विकास के लिए काम करेंगी.