
आपने अभी तक खुद के नाम , जीवन साथी के नाम या किसी सेलिब्रिटी के नाम का टैटू शरीर पर बनवाए देखे होंगे. टैटू आज के युवाओं के लिए फैशन भी है. लेकिन हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताते हैं, जिसने देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को सलाम करने के लिए अपनी बॉडी पर टैटू बनवाया है. युवक ने उन शहीदों को याद करने के लिए कुछ ऐसा करने की सोची, जो सबसे अलग हो और उनकी याद हमेशा दिल के करीब रहे. युवक ने कुछ ऐसा किया, जिसकी तारीफ हर जगह हो रही है. उत्तर प्रदेश के हापुड़ के इस युवक ने शहीदों को याद करने के लिए अपने शरीर पर उनके नाम का टैटू बनवा लिया. अभिषेक गौतम नाम का ये शख्स हापुड़ के प्रीत विहार कॉलोनी का रहने वाला है.
शहीदों को नाम का टैटू-
अभिषेक गौतम ने शहीद जवानों को याद रखने के लिए अपने शरीर पर उनके नाम गुदवा लिए है और देश के कई चेहरों के टैटू भी बनवाये हैं. अभिषेक के शरीर पर नाम के साथ ही देश के कई चेहरों के टैटू और शहीद स्मारक के साथ इंडिया गेट का चित्र भी है. बताया यह भी जाता है कि उनको डॉक्टरों ने ऐसा न करने की सलाह दी थी, क्योंकि डॉक्टर उन्हें ऐसा करने को नुकसानदायक बता रहे थे. लेकिन अभिषेक ने बिना परवाह किए अपना शरीर वीर सपूतों के नाम कर दिया.
हापुड़ में हुई पढ़ाई लिखाई-
अभिषेक गौतम जनपद हापुड़ के प्रीत विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते है और हापुड़ से ही उन्होंने पढ़ाई की है. उनका कहना है कि मैं अपने समाज को संदेश देना चाहता हूं कि किसी भी चीज को अच्छे से करना है. उसको निभाना है तो उसके लिए बहुत सारे आइडियल होने चाहिए. मैं मानता हूं कि हमारी फौज, हमारी सेना से अच्छे आइडियल नहीं मिल सकते हैं, इसलिये मैंने ऐसा सोचा कि जनता में मैसेज जाए कि हम अपने आइडियल को कैसे फॉलो कर सकते हैं. कैसे प्यार कर सकते है और आज के टाइम में लोगों को सबसे अच्छा लगता है कि अगर किसी को प्यार करते हैं तो उसके नाम का टैटू बनवाते हैं, तो मैंने उसी प्यार को दर्शाने के लिए लोगों में संदेश पहुंचाने के लिए ऐसा किया है.
शरीर पर 580 शहीदों के नाम-
अभिषेक गौतम ने कहा कि युवा समझें कि जवान हमारी व हमारे देश की सुरक्षा करते हैं. हमारे देश के लिए जान तक दे देते हैं तो हमें भी उनके प्रति कुछ करना चाहिए. इन सब चीजों को महसूस करते हुए मैंने अपने शरीर पर टैटू बनवाए हैं. उनका कहना है कि मेरे शरीर पर करीब 580 कारगिल के शहीद जवानों के नाम लिखे हुए हैं. जल्द ही 15 नाम अभी लिखवाए गए हैं, जिनके परिवार से मैं अभी मिल भी चुका हूं. उन्होंने पहली बार अपने शरीर पर 28 जुलाई 2018 को शहीदों के नाम लिखवाए थे और करीब 12 दिन लगे थे शहीदों के नाम लिखने में. साथ ही 11 भारतीय चेहरों के चित्र हैं, जिनमें इंडिया गेट और शहीद स्मारक के चित्र भी बने हैं. आज वर्तमान में 700 से अधिक शहीदों के नाम मेरे शरीर पर गुदे हुए हैं. और वो चेहरे जिनसे मैंने कुछ सीखा है. चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, शिवाजी महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह, महात्मा गांधी, अब्दुल कलाम, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद जैसे चेहरों के चित्र बनवाए हुए हैं.
जवानों से मिलने जाएं- अभिषेक
उनका यह कहना है कि जो लोग हमारे लिए आज तक बलिदान देते आए हैं अभी भी वह तत्पर हैं. बिना किसी परवाह किए और जब जवान अपने घर से जाता है तो वह घर की इच्छाएं उनकी जिम्मेदारियों को लेकर जाता है और वह महसूस भी करता है. उन चीज़ों को वहां रहते हुए लेकिन वह किसी को जताता नहीं, दर्शाता नहीं है, लेकिन वह इन सब चीजों को भूलते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करता है तो हम उनको इज्जत देते हुए ऐसा कर सकते हैं कि जब वह छुट्टियों पर अपने घर आएं तो हम उनसे मिलने जाए, जैसे किसी सेलिब्रिटी से मिलने जा रहे हैं. अगर कोई सेलिब्रिटी आता है तो लोगों की लाखों की भीड़ दूर से फोटो लेने लगती है. चाहे भले ही सेलिब्रिटी दूर से फोटो में छोटा नजर आए, हम उस फोटो को लेने के लिए पूरी कोशिश करते हैं. तो मेरा यही मानना है कि सही मायनों में अगर कोई सेलिब्रिटी है, जो सही तरीके से हमें जीना सिखा रहे हैं, वह हमारे फौजी हैं.
अभिषेक गौतम ने बताया कि जब वह कक्षा दो में थे, उन्हें एक कवि सम्मेलन में कविता पढ़ने का मौका मिला था. जब उन्होंने उस कविता को पढ़ा और 4 लाइन को पढ़कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया. उनके पिता और पड़ोसियों का कहना है कि मुझे बहुत गर्व होता है कि मेरा बेटा ऐसा कर रहा है. यह मेरे लिए ही नहीं, हमारे देश के लिए गर्व की बात है.
(देवेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)
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