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70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जू जोंगो पर चढ़ाई करके हरियाणा की बेटी ने लहराया देश का झंडा, पिता चलाते हैं वर्कशाप

हरियाणा की रहने वाली एक बेटी ने अपने जज्बे और जूनून के दम पर ऐसी कामयाबी हासिल कर ली है जिसकी आज हर कोई तारीफ कर रहा है. रीना भट्टी ने 70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जोजंगो चोटी को फतह किया. इस उपलब्धि को हासिल करने वाली वह हरियाणा की पहली पर्वतारोही बन गई है.

Reena Bhatti Reena Bhatti
हाइलाइट्स
  • दोस्त के साथ अमरनाथ जाने के बाद लगा शौख

  • 70 घंटे में पूरी की चढ़ाई

हरियाणा की बेटिया बेटों से कम नहीं हैं. इन बेटियो में जज्बा, जुनून, हिम्मत हौसले और आगे बढ़ने की लगन है. जब वे अपने काम को मन में ठान लेती है वे उस कार्य में निपुणता हासिल करके सफलता जरूर हासिल करती हैं. ऐसी ही एक बेटी है हरियाणा के हिसार की रहने वाली रीना भट्टी ने. रीना ने पर्वताक्षेत्र में दो चोटियों को फतेह करके भारत का नाम रोशन किया है. 

पर्वतारोही रीना भट्टी 70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जू जोंगो पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली पहली हरियाणवी महिला बन गई हैं. शहर के श्याम लाल बाग की रहने वाली रीना भट्टी ने महज 70 घंटे में 2 सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़कर ये रिकॉर्ड बनाया है. वह लद्दाख में 6250 मीटर माउंट कांग यात्से और 6240 मीटर माउंट जू जोंगो चोटी पर चढ़ने और भारतीय ध्वज फहराने वाली पहली हरियाणवीं महिला भी हैं. इस जीत पर परिजनों में खुशी का माहौल है. परिवार वालों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. 

दोस्त के साथ अमरनाथ जाने के बाद लगा शौख
रीना भट्टी ने बताया कि वह अपनी दोस्त के साथ अमरनाथ यात्रा पर गई थी तब से उसने पवर्तरोही क्षेत्र में जाने के लिए ट्रेकिंग शुरू कर दी. वह इससे पहले कई पहाड़ी की चोटियों पर जा कर देश का तिरंगा लहरा चुकी हैं. उसने लक्ष्य बनाया है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर जाकर तिरंगा झंडा लहराएगी. इसके लिए वह रोजाना 2-3 घंटे जिम में कोच अमन वर्मा के मार्ग दर्शन में प्रैक्टिस करती है.

रीना भट्टी एक मध्यम परिवार से है. उसके पिता बलवान सिंह ट्रैक्टर वर्कशाप चलाते हैं. रीना एक प्राइवेट जॉब करती हैं और उससे पैसे इकट्ठा करके अपने सपनों को पूरा करती हैं. रीना ने हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि जैसे खेलों में खिलाड़ी के जीतने पर खिलाड़ी को आर्थिक रूप से काफी रुपया दिया जाता है, ऐसे में पर्वतारोही की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए क्योंकि यह फिल्ड ऐसा जिसमें रुपये काफी खर्च होते हैं.

70 घंटे में पूरी की चढ़ाई
रीना ने बताया कि उसने 17 जुलाई को माउंट कांग यात्से की चढ़ाई शुरू की थी. 18 की रात में यात्रा पूरी कर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसी तरह माउंट जू जोंगो की यात्रा 20 जुलाई को शुरू की गई थी और  21 जुलाई 2022 को पूरी हुई. रीना भट्टी इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो 5895 मीटर ऊंची सहित अन्य चोटियों पर चढ़ चुकी हैं. रीना भट्टी ने अपना अनुभव साझा किया और अनुरोध किया कि हरियाणा और भारत के सभी युवाओं को चाहिए कि वह जिस भी क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं  उस पर ध्यान दें और अपनी मेहनत से आगे बढ़ें. रीना ने कहा कि यह रिकॉर्ड उन लड़कियों को समर्पित करना चाहती हूं जो अपने जीवन में कुछ करना चाहती हैं और किसी कारणवश अभी तक नहीं कर पाई हैं.

माता पिता का क्या कहना है?
पिता बलवान सिहं व माता बाला देवी ने कहा कि रीना भट्टी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और साथ-साथ खेलों में हिस्सा लेती थी. उन्होंने कहा कि अपनी बेटी की सफलता पर उन्हें गर्व है. उसने जो माउंट एवरेस्ट पर जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है वह उसमें कामयाब हो हम लोग यही कामना रखते हैं.

क्या की है पढ़ाई?
रीना भट्टी ने बीए की डिग्री हासिल की है. फिलहाल वह खुद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करके अपना खर्चा निकाल रही है. उनके दो भाई तनवीर और अशोक कुमार हैं.

अब तक पर्वतारोही रीना भट्टी ने इन चोटियों को फतेह किया है.
2022 में लद्दाख में 6250 मीटर माउंट कांग यात्से
2022 में लदाख में 6240 मीटर माउंट जू जोंगो चोटी
2021 माऊट नून लदाख 7135 मीटर चोटी
2019 दक्षिण अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो 5895 मीटर ऊंची चोटी
2019 में बालाचंद्र 15000 फुट हिमाचल की चोटी को फतेह किया
2019 में फैडशिप 17363 फुट चोटी हिमाचल को फतेह किया
2021 में लदाख में 7135 मीटर माऊट नून फतेह किया
2021 में उतराखंड के केदारा कंठा 13000 फीट चोटी को फतेह किया

(हिसार से प्रवीण कुमार की रिपोर्ट)