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मां को हुआ कैंसर तो बेटे ने छेड़ दी जंग, लाखों की नौकरी छोड़ शुरू किया ऑर्गनिक खाद्य तेल का स्टार्टअप

अनुराग आनंद ने हजारीबाग के अनद्दा स्कूल से पढ़ाई की है. उनकी बीकॉम की पढ़ाई भी हजारीबाग से हुई है. उसके बाद उन्होंने एमबीए पूना से किया और फिर अमेरिकन कंपनी में काम करना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने कंपनी के लिए लंदन, फ्रांस, पोलैंड, जर्मनी, दुबई,ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क में जाकर भी काम किया. लगभग 5 सालों तक वह विदेश के कई देशों में जाकर काम करते रहे.

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हाइलाइट्स
  • कंपनी में सालाना लगभग 25 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद का ऑर्गनिक खाद्य तेल का स्टार्टअप शुरू किया

  • मां को हो गया था कैंसर

  • 10 से अधिक देशों में कर चुके हैं नौकरी

हर साल मिलावटी तेल की वजह से कई लोगों की मौत होती है. अब इसके विरुद्ध झारखंड हजारीबाग के शख्स ने जंग छेड़ दी है. अनुराग आनंद नाम के व्यक्ति ने प्रतिष्ठित कंपनी में सालाना लगभग 25 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद का ऑर्गनिक खाद्य तेल का स्टार्टअप शुरू किया है.

दरअसल, 17 साल घर से बाहर पढ़ाई और नौकरी करने के बाद जब वे वापिस घर आये तो उन्हें पता चला उनकी मा को कैंसर हो गया है. कैंसर के इलाज के लिए वह कई डॉक्टरों के पास गए, जहां उन्हें पता चला कि खराब खानपान के कारण उनकी मां इस लाइलाज बीमारी का शिकार हो गई हैं. डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि मिलावटी खाद्य तेल आज के समय में कैंसर होने के प्रमुख कारणों में से एक हैं. डॉक्टर की बातें सुनकर अनुराग ने देश में चल रही इस मिलावट से लोगों को बचाने की ठानी. उन्होंने तय किया उनसे जितना हो सकेगा वो लोगों को शुद्ध खाद्य तेल खाने के लिए प्रेरित करेंगे.

\10 से अधिक देशों में कर चुके हैं नौकरी 

अनुराग अपने स्टार्टअप से पहले 10 से अधिक देशों में नौकरी कर चुके हैं. कंपनी में लगभग 25 लाख रुपए सालाना सैलरी पर काम कर रहे आनंद ने नौकरी को ठोकर मारकर अपना स्टार्टअप शुरू किया है. 

अनुराग आनंद ने हजारीबाग के अनद्दा स्कूल से पढ़ाई की है. उनकी बीकॉम की पढ़ाई भी हजारीबाग से हुई है. उसके बाद उन्होंने एमबीए पूना से किया और फिर अमेरिकन कंपनी में काम करना शुरू किया. इस दौरान  उन्होंने कंपनी के लिए लंदन, फ्रांस, पोलैंड, जर्मनी, दुबई,ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क में जाकर भी काम किया. लगभग 5 सालों तक वह विदेश के कई देशों में जाकर काम करते रहे.

ऑर्गेनिक लकड़ी घानी से सरसों तेल का किया उत्पादन
 
इसके लिए उन्होंने पुरानी लुप्त तकनीक वाला कोल्हू डिजाइन करवाया है जो बबूल के लकड़ी का बना हुआ है. अनुराग ने तेल के व्यवसाय को समझने और करने के लिए रांची, पुणे , हैदराबाद ,नासिक जाकर ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग ली और फिर ये व्यवसाय शुरू किया. उन्होंने स्टार्टअप के जरिए अपने घर में ही ऑर्गेनिक लकड़ी घानी से सरसों तेल का उत्पादन शुरू किया. 

वे बताते है कि इस तेल को बहुत कम तापमान पर तैयार किया जाता है. कम तापमान में तैयार होने के कारण तेल में मौजूद पोषक तत्व बने रहते हैं और यह शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है. लकड़ी घानी तेल को पहले तो कोल्हू के द्वारा तैयार किया जाता था. जिसमें पशु को बांधकर चक्की चलती थी और उसमें बीज डालकर तेल निकाला जाता था. 

आने वाले 1 महीने के अंदर यह सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाया जाएगा. लोगों को तेल के बारे में बताने के लिए सोशल साइट की मदद ली जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकें. 

सरसों तेल के हैं लगभग 5 प्रकार 

अनुराग के पास सिर्फ सरसों तेल के लगभग 5 प्रकार है. पीली सरसों ,लाल सरसों से अलग-अलग तरह से तेल निकाला जा रहा है. यही नहीं, मूंगफली का तेल भी इनके द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. अनुराग कहते हैं कि हम सभी लोग बाजार में अच्छे रकम देने के बावजूद खराब सामान ले रहे हैं .ऐसे में मेरा एक छोटा सा प्रयास है कि लोगों को शुद्ध समान उपलब्ध करा सकूं. वहीं उनका कहना है कि उन्होंने 25 लाख रुपए तक की सैलरी छोड़कर तेल बेचने के काम को चुनौती के रूप में लिया है. 

वे कहते हैं, “मैंने जब भी कोई काम को चुनौती के रूप में लिया है मुझे कामयाबी मिली है. आने वाले दिनों में इस व्यवसाय के जरिए मैं लोगों को रोजगार देने का भी काम करूंगा. जिससे उनका घर भी चलेगा, लोगों को स्वस्थ लाभदायक तेल भी मिलेगा और वे अपना भी घर चला सकेंगे.”

(विस्मय अलंकार की रिपोर्ट)

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