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SP Hinduja: 18 साल की उम्र में पिता के बिजनेस से जुड़ गए थे श्रीचंद परमानंद, फिर बने थे हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन, जानिए इस बिजनेसमैन की अनसुनी कहानी

SP Hinduja Died: हिंदुजा समूह और चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा (एसपी हिंदुजा) का बुधवार को लंदन में निधन हो गया. परिवार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. 87 वर्षीय हिंदुजा कुछ समय से बीमार चल रहे थे. 

SP Hinduja (photo twitter) SP Hinduja (photo twitter)
हाइलाइट्स
  • भारतीय मूल के एसपी हिंदुजा ने ब्रिटेन की ले ली थी नागरिकता 

  • 87 वर्षीय हिंदुजा का बुधवार को हो गया निधन 

श्रीचंद परमानंद हिंदुजा को एसपी हिंदुजा के नाम से भी जाना जाता था. वह हिंदुजा समूह के फाउंडर परमानंद दीपचंद हिंदुजा (पीडी हिंदुजा) के सबसे बड़े बेटे थे. वह समूह और चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन थे. 1952 में शिक्षा पूरी करने के बाद सिर्फ 18 साल की उम्र में एसपी हिंदुजा अपने पिता के बिजनेस से जुड़ गए थे. 

भारतीय मूल के हिंदुजा ने बाद में ब्रिटेन की नागरिकता ले ली थी और वह लंदन में रहते थे. 87 वर्षीय एसपी हिंदुजा का बुधवार को लंदन में निधन हो गया. वह बीते कुछ समय बीमार चल रहे थे. हिंदुजा भाइयों में वह सबसे बड़े थे. कारोबारी के परिवार के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा समेत समस्य हिंदुजा परिवार को बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि परिवार के मुखिया एसपी हिंदुजा का निधन हो गया है. 

ईरान में खोला था पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यालय
हिंदुजा समूह की शुरुआत अविभाजित भारत सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में जन्मे परमानंद  दीपचंद हिंदुजा ने की थी. 1919 में दीपचंद ने अपने व्यापार का विस्तार किया और ईरान में पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यालय खोला. 1979 तक यह समूह ईरान से चलता रहा. 1979  में ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद समूह ने अपना हेडक्वार्टर लंदन स्थानांतरित कर दिया. अभी भी इस समूह का केंद्र ब्रिटेन में ही है.

बेटों ने बढ़ाया कारोबार
दीपचंद हिंदुजा के इस समूह को उनके बेटों श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा ने आगे बढ़ाया. दीपचंद हिंदुजा के सबसे बड़े बेटे श्रीचंद, हिंदुजा समूह, हिंदुजा बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड एवं हिंदुजा फाउंडेशन के अध्यक्ष थे. दूसरे बेटे गोपीचंद, हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष और हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड, यूके के अध्यक्ष हैं. प्रकाश हिंदुजा, हिंदुजा समूह (यूरोप) के अध्यक्ष हैं. अशोक हिंदुजा, हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के अध्यक्ष हैं.

डेढ़ लाख कर्मचारी करते हैं काम 
हिंदुजा ग्रुप में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी काम करते हैं. हिंदुजा समूह बैंकिंग एंड फाइनेंस, आईटी, पावर, ऑटोमोटिव, ऑयल एंड स्पेसियलटी कैमिकल्स, रियल स्टेट, हेल्थ केयर, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, ट्रेडिंग, साइबर सिक्योरिटी से लेकर मीडिया तक के क्षेत्र में काम कर रहा है. इस समूह की 38 देशों में प्रत्यक्ष उपस्थिति है और 100 देशों में व्यापारिक पहुंच है. भारत में ट्रक बनाने वाली कम्पनी अशोक लीलैंड्स एवं बैंकिंग कारोबार से जुड़ा इंडसइंड बैंक इसी समूह के अंतर्गत आते हैं. इसके अलावा समूह के देश के कई शहरों में रियल स्टेट में भी काम है. कंपनी मुंबई में हिंदुजा अस्पताल और कॉलेज भी चलाती है. 

ब्रिटेन के सर्वाधिक अमीरों में शामिल
हिंदुजा समूह आज भी ब्रिटेन के सर्वाधिक अमीरों में शामिल है. दुनिया के अमीरों की 2022 की फोर्ब्स की सूची में यह परिवार 146वें नंबर पर था. हिंदुजा बंधुओं ने वर्ष 2006 में लंदन की कार्लटन हाउस टेरेस स्ट्रीट पर 25 बेडरूम वाला एक बड़ा घर 5.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था. ग्रुप के पास 14 अरब डॉलर की संपत्ति है.एसपी हिंदुजा की शादी मधु से हुई थी. एसपी हिंदुजा ने ब्रिटेन और भारत के बीच एक मजबूत संबंध बनाने में अपने भाइयों के साथ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

बोफोर्स घोटाले में आया था नाम 
एसपी हिंदुजा और उनके दो भाइयों पर बोफोर्स तोप खरीद में 64 करोड़ रुपए का गैरकानूनी कमीशन लेने का आरोप लगा था. हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय से तीनों हिंदुजा बंधुओं को साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2005 में आरोपमुक्त कर दिया गया था. 

पिछले साल सामने आई थी पारिवारिक विवाद की बात
नवंबर 2022 में कोर्ट के फैसले से सामने आया कि हिंदुजा परिवार में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. हिंदुजा परिवार दो पक्षों में बंटता हुआ दिखाई दे रहा था. पहले पक्ष में जहां गोपीचंद, प्रकाश और अशोक परमानंद हिंदुजा बताए गए. इस पक्ष का नेतृत्व एसपी से छोटे भाई गोपीचंद परमानंद हिंदुजा कर रहे थे. वहीं, दूसरे पक्ष में श्रीचंद की दोनों बेटियां वीनू और शानू शामिल हैं. 

हुआ था समझौता
संपत्ति बंटवारे से जुड़ा ये विवाद नौ साल पुराना है. दरअसल, 2014 में हिंदुजा समूह के संस्थापक दीपचंद हिंदुजा के चार बेटों श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक के बीच एक समझौता हुआ था. इसमें कहा गया था कि एक भाई के नाम पर रखी गई सम्पत्ति एक की नहीं बल्कि चार भाइयों की होगी. यही समझौता विवाद की जड़ है. समझौते के करीब एक साल बाद हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े श्रीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा बैंक ऑफ स्विटजरलैंड पर अकेले स्वामित्व का दावा किया था.