
टाटा समूह की एयरलाइंस एयर इंडिया और एयरएशिया इंडिया ने अनियमित संचालन IROPs)पर इंटरलाइन विचारों पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है. इस समझौते के तहत अगर कभी इन दोनों एयरलाइंस में से किसी का भी संचालन बाधित होता है तो यात्रियों को एक दूसरे में स्थानांतरित करने की अनुमति होगी.
आईआरओपी क्या हैं?
एयरलाइंस आमतौर पर अन्य वाहकों के साथ इस तरह के इंटरलाइन समझौतों करती है. खासकर उन मार्गों पर जहां वे सीमित संख्या में उड़ानें संचालित करते हैं, ताकि व्यवधान के मामले में यात्रियों की असुविधा को रोका जा सके. ये दिक्कतें किसी भी कारण हो सकती हैं जैसे उड़ानों का कैंसिल होना या फ्लाइट्स का डायवर्जन आदि.
क्या होगा इसका फायदा?
इस समझौते के तहत इन एयरलाइनों में से किसी एक मार्ग पर जहां दूसरी एयरलाइन चालू है में से किसी एक एयरलाइन में दिक्कत आने पर यात्रियों को वैकल्पिक उपलब्ध उड़ान में स्थानांतरित किया जाएगा.
यह कैसे काम करता है?
यह समझौता 9 फरवरी, 2024 से केवल घरेलू मार्गों की फ्लाइटों के लिए वैध है. यात्रियों का स्थानांतरण केवल "उपलब्ध" आधार पर किया जाएगा जैसा कि स्वीकार करने वाली एयरलाइन के हवाई अड्डे के प्रबंधक द्वारा निर्धारित किया गया है.
उदाहरण से समझिए जैसे कि सिलीगुड़ी-दिल्ली जैसे सेक्टर पर, जहां दोनों एयरलाइंस संचालित होती हैं. अगर एयर इंडिया की उड़ान किसी कारण से रद्द हो जाती है, तो रद्द की गई उड़ान के यात्रियों को विमान में उपलब्ध सीटों के आधार पर एयरएशिया इंडिया की उड़ान में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. यह अन्य रिफंड या मुफ्त तिथि परिवर्तन विकल्पों के अतिरिक्त होगा जो एयरलाइंस प्रदान करती है.
एयरलाइन पर उपलब्ध अन्य सेवायें
बैगेज भत्ते की बात करें तो यदि एयरएशिया इंडिया पर बुक किए गए यात्री को एयर इंडिया की उड़ान में स्थानांतरित किया जा रहा है, तो मूल एयरएशिया इंडिया भत्ता 15 किलोग्राम लागू होगा. हालांकि, अगर एक यात्री जिसने मूल रूप से एयर इंडिया की उड़ान बुक की थी उसे अगर एयरएशिया इंडिया की उड़ान में स्थानांतरित किया जा रहा है, तो वो मुफ्त सामान भत्ता(free baggage allowance)एयर इंडिया के मूल टिकट के अनुसार होगा. एयर इंडिया आमतौर पर इकोनॉमी क्लास में घरेलू मार्गों पर 25 किलोग्राम फ्री बैगेज एलॉवेंस प्रदान करती है.