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Air Defense System: जानिए कैसे इजरायल के आयरन डोम से अलग है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम

पाकिस्तान ने भारत की 15 सामरिक सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन खतरों को समय रहते निष्क्रिय कर दिया.

S-400 vs Iron Dome S-400 vs Iron Dome

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार युद्ध के हालात बने हुए हैं. भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और पाकिस्तान व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों का खात्मा कर दिया. इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से कई सशस्त्र ड्रोन, लूटियर म्यूनिशन (घुमंतू हथियार) और मिसाइलें भारत की 15 सामरिक सैन्य ठिकानों पर दागी गईं, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन खतरों को समय रहते निष्क्रिय कर दिया. 

आपको बता दें कि पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के 15 शहरों अवंतिपुरा, चंडीगढ़, श्रीनगर, नाल, जम्मू, फलोदी, पठानकोट, उत्तर लई, अमृतसर, भुज, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर और बठिंडा शहरों में हमले करने की कोशिश की थी. इन सभी हमलों को S-400 ने नाकाम कर दिया है. इस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को भी नाकाम कर दिया है. 

भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
रूस निर्मित S-400 'Triumf' भारत के एयर डिफेंस सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली वर्तमान में भारत में तीन स्क्वाड्रनों के साथ संचालित हो रही है. यह 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है. इसे बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों सहित विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह सिस्टम IAF के IACCS नेटवर्क से पूरी तरह इंटीग्रेशन में काम करता है.

दुश्मन का 'हवाई स्टॉपर'
दुश्मन के मिसाइल, ड्रोन, फाइटर जेट्स और रॉकेट लॉन्चर जैसे हवाई हमलों को रोकने में बेहद सक्षम. 

मोबाइल सिस्टम- कहीं भी ले जाएं, तुरंत लगाएं
यह पूरी तरह से मोबाइल है, यानी सड़क के जरिए कहीं भी लाया-ले जाया सकता है और तैनात किया जा सकता है. यह किसी भी स्थान पर 5 से 10 मिनट में ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाता है. 

'सुपर रडार' - 600 किमी से नजर
इसमें लगा है 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरे रडार, जो 600 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के कई टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है. यह 160 अलग-अलग ऑब्जेक्ट्स को एक साथ ट्रैक करने की क्षमता रखता है. 

दो मिसाइल, एक टारगेट
हर एक टारगेट पर दो मिसाइलें दागी जा सकती हैं, जिससे टारगेट बच नहीं सकता. 

रेंज और ऊंचाई में जबरदस्त क्षमता
"S-400" में 400 का मतलब- इसकी मारक दूरी 400 किमी तक है. यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक भी उड़ते टारगेट को नष्ट कर सकता है।

दुनिया के सबसे घातक एयर डिफेंस सिस्टम में शुमार
इसे रूस के Almaz Central Design Bureau ने बनाया है. दुनिया के सबसे एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है. 

भारत-रूस डील - रणनीतिक साझेदारी
भारत ने 2018 में 5 यूनिट के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये की डील रूस से की. अब तक भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुकी हैं, और दो की डिलीवरी बाकी है. 

आकाश मिसाइल सिस्टम (स्वदेशी)

  • रेंज: 25–30 किमी
  • लक्ष्य: एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, यूएवी, मिसाइल
  • विशेषता: कम लागत, इलेक्ट्रॉनिक जाम रोधक, मल्टी टारगेट एंगेजमेंट
  • निर्यात: भारत अब इसे अन्य देशों को भी निर्यात कर रहा है

S-400 की पूरक भूमिका निभा रहा है भारत में विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली, जो कि कम दूरी की रक्षा के लिए तैयार की गई है. यह 30 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है और भारत के निचले स्तर के अवरोधन तंत्र का एक अहम हिस्सा है.

बराक-8 (भारत-इज़राइल के सहयोग से विकसित)

  • रेंज: 70–150 किमी (मध्यम दूरी)
  • लक्ष्य: फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, एंटी-शिप और क्रूज़ मिसाइलें
  • विशेषता: सक्रिय रडार होमिंग, आधुनिक डेटा लिंक, तेज़ प्रतिक्रिया
  • सेवा में: भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना

2021 में, भारतीय वायुसेना ने औपचारिक रूप से बराक-8 मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (MRSAM) को शामिल किया. यह प्रणाली भारत और इज़राइल के सहयोग से विकसित की गई है. बराक-8 की मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक है और यह लड़ाकू विमानों, मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन), हेलीकॉप्टरों और मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए डिजाइन की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की वायु रक्षा तैयारी के लिए "गेम चेंजर" करार दिया.

इनके अलावा, DRDO द्वारा विकसित VSHORADS (Very Short Range Air Defence) और भारत का दीर्घ दूरी का LR-SAM प्रोग्राम, प्रोजेक्ट कुशा पर वर्तमान में काम जारी है. जल्द ही, ये दोनों एडवांस्ड सिस्टम भी भारत के एयर डिफेंस का हिस्सा होंगे. 

इजरायल का आयरन डोम सिस्टम है अलग 
भारत की एयर डिफेंस स्ट्रेटजी इज़राइल की आयरन डोम प्रणाली से काफी अलग है. जहां आयरन डोम मुख्य रूप से कम दूरी के रॉकेट खतरों को रोकने में एक्सपर्ट है, वहीं भारत का मल्टी-लेवल एयर डिफेंस रलंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज़ मिसाइलों, स्टील्थ विमानों और हाइपरसोनिक प्रोजेक्टाइल्स से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है. 

इजरायल ने 2006 में Iron Dome एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करना शुरू किया. साल 2011 से यह ऑपरेशनल है. खासकर, इज़राइल के शहरी क्षेत्रों की रक्षा में इसकी अहम भूमिका है. 

प्रमुख विशेषताएं

  • शॉर्ट-रेंज डिफेंस: 65 किमी के भीतर दागे गए रॉकेट और मोर्टार को हवा में नष्ट करता है.
  • बैटरी से संचालित: मोबाइल यूनिट, कहीं भी तैनात करना आसान.
  • इंटरसेप्टर मिसाइलें: आयरन डोम 20 इंटरसेप्टर मिसाइलों से लैस होता है.
  • ऑल-वेदर ऑपरेशन: दिन, रात, और किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम.

कौन-सा सिस्टम है बेहतर
पिछले साल जब हमास ने इज़राइल पर मिसाइल हमले किए थे, उस समय Iron Dome सिस्टम पूरी तरह से प्रभावी नहीं रहा. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि Iron Dome मुख्यतः कम दूरी से दागे गए रॉकेट्स और मोर्टार हमलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है. वहीं दूसरी ओर, भारत का एयर डिफेंस सिस्टम बहु-स्तरीय (multi-layered) और ज्यादा व्यापक है. यह सिर्फ शॉर्ट रेंज ही नहीं, बल्कि लॉन्ग रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें, क्रूज़ मिसाइलें, स्टील्थ एयरक्राफ्ट और हाइपरसोनिक हथियारों से भी प्रभावी रूप से रक्षा कर सकती है. भारत का एयर डिफेंस सिस्टम कितना कारगर इसका उदाहरण पूरी दुनिया देख चुकी है. पाकिस्तान के हर एक मिसाइल और ड्रोन सिस्टम को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने फेल कर दिया.