

दिल्ली के रहने वाले प्रशांत ने हाल ही में एक फूड डिलीवरी ऐप के जरिए फुट प्लेट पनीर मोमोज ऑर्डर किया था. लेकिन जब ऑर्डर आया तो उसमें हाफ प्लेट वेज मोमोज निकला. पहले तो प्रशांत को लगा कि शायद उससे ही ऑर्डर करने में गलती हो गई होगी, लेकिन जब ऑर्डर डिटेल देखा तो उसमें वही लिखा था जो उन्होंने मंगवाया था. यानी गलती रेस्टोरेंट या डिलीवरी पार्टनर की थी.
प्रशांत ने तुरंत ऐप पर जाकर शिकायत दर्ज की और फोटो भी अपलोड किया. कंपनी ने पहले 24 घंटे का समय मांगा, फिर जवाब दिया कि "सॉरी, हम इस पर कुछ नहीं कर सकते. कंपनी ने सीधे तौर पर रिफंड देने से मना कर दिया."
अब प्रशांत के पास दो ऑप्शन थे या तो वो अपने पैसों को भूल जाते या फिर कंज्यूमर फोरम में जाकर शिकायत करते. नाराज होकर प्रशांत ने ई-दाखिल पोर्टल (https://edaakhil.nic.in) पर शिकायत दर्ज कर दी. शिकायत में उन्होंने ऑर्डर की रसीद, डिलीवर किया गया सामान और ऐप की चैट के स्क्रीनशॉट भी अटैच किए. शिकायत दर्ज करने के 7 दिन के भीतर ही कंपनी ने प्रशांत से संपर्क किया, माफी मांगी और पूरा रिफंड उनके वॉलेट में भेजा.
ये तो रही प्रशांत की बात लेकिन आप और हममें से ऐसे कई लोग हैं जो रोजाना इस तरह की समस्या से दो चार होते हैं. कोई सपोर्ट में जाकर शिकायत करता है और रिफंड मिलने का इंतजार करता है तो कोई कंज्यूमर फोरम में शिकायत करता है.
गलत सामान आ जाए तो क्या करें
अगर आपने भी कोई प्रोडक्ट खरीदा है या कोई सर्विस ली है और उसमें खराबी निकलती है, लेकिन कंपनी या दुकानदार सुनवाई नहीं करता, तो आप भी प्रशांत की तरह कंज्यूमर फोरम में शिकायत कर सकते हैं. अब यह प्रक्रिया पहले से आसान हो गई है. आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से अपनी बात रख सकते हैं. 'ई-दाखिल' के जरिए तो आप घर बैठे ही शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
ई-दाखिल पोर्टल क्या है?
2020 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के तहत https://edaakhil.nic.in पोर्टल शुरू किया था, इसका मकसद है उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा देना, जिससे बार-बार फोरम के चक्कर न लगाने पड़े.
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की आसान प्रक्रिया
स्टेप 1: सबसे पहले https://edaakhil.nic.in/edaakhil वेबसाइट पर जाएं.
स्टेप 2: बाएं तरफ "File Complaint" या "शिकायत दर्ज करें" ऑप्शन पर क्लिक करें.
स्टेप 3: नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल ID भरकर खुद को पोर्टल पर रजिस्टर करें.
स्टेप 4: अपने मामले की जानकारी पूरी विस्तार से लिखें. कब प्रोडक्ट खरीदा, क्या दिक्कत आई, किससे संपर्क किया, सब कुछ साफ-साफ बताएं. शिकायत से जुड़े बिल, वॉरंटी कार्ड, चैट्स या ईमेल जैसे डॉक्यूमेंट अटैच करें.
स्टेप 5: स्क्रीन पर दिख रहे कैप्चा कोड को भरें और "Submit" बटन पर क्लिक करें.
स्टेप 6: शिकायत सबमिट करने के बाद आपको एक कंप्लेंट ID मिलेगा जिससे आप केस की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं.
अगर शिकायत ऑनलाइन नहीं कर सकते तो क्या करें?
अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं समझते, वे सादे कागज पर शिकायत लिखकर उसे नोटरी से प्रमाणित करा सकते हैं. इसके बाद वह पत्र खुद या किसी एजेंट के माध्यम से जिला या राज्य उपभोक्ता फोरम में जमा कर सकते हैं.
20 लाख रुपये तक की शिकायतें: जिला फोरम में दर्ज होती हैं.
20 लाख से 1 करोड़ रुपये तक: राज्य फोरम में दर्ज होती हैं.
1 करोड़ रुपये से ज्यादा की शिकायतें: राष्ट्रीय फोरम (NCDRC) में दर्ज होती हैं
कोर्ट फीस:
20 लाख से 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए 2,000 रुपये
50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के मामले के लिए 4,000 रुपये
फैसले से खुश नहीं हैं तो क्या करें?
अगर आप जिला फोरम के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, तो 30 दिन के अंदर राज्य फोरम में अपील कर सकते हैं. इसी तरह राज्य फोरम के फैसले से असहमति होने पर आप राष्ट्रीय आयोग में अपील कर सकते हैं. अगर आप भी कभी ऐसी स्थिति में फंस जाएं तो तुरंत शिकायत दर्ज करें.