
क्या आपको पता है कि भारत में लगभग 25 लाख नेत्रहीन लोग हैं. जिनमें से लगभग 15 लाख लोगों को कॉर्निया संबंधित परेशानियां हैं. जिन्हें दान किए गए नेत्रों के प्रत्यारोपण से ठीक किया जा सकता है.
हमारे देश में मृत्यु के बाद ज्यादातर शवों का अंतिम संस्कार आंखों के साथ ही किया जाता है. लेकिन अगर हम सभी छह महीने के भीतर मृत्यु के बाद नेत्रदान करने का निर्णय लेते हैं तो भारत में कॉर्निया संबंधित परेशानी से नेत्रहीन लोगों को उनकी आंखों की रोशनी लौटाई जा सकती है.
नवविवाहित जोड़े ने किया नेत्रदान:
इस बात को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के हुबली में एक नवविवाहित जोड़े ने अपनी शादी के मौके पर नेत्र दान किया. सुचित और रजनी हाल ही में विवाह के अटूट बंधन में बंधे हैं. इस मौके पर उन्होंने न सिर्फ अपनी शादी के वेन्यू पर नेत्रदान का स्टॉल लगवाया बल्कि शादी के बाद खुद भी नेत्रदान किया.
सुचित और रजनी के परिवारजन भी इस नेक काम के लिए आगे आए. सुचित का कहना है कि उनके पूरे परिवार ने उनका सहयोग किया. शादी में आने वाले मेहमानों को भी प्रेरित किया गया.
हाल ही में, दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार ने भी अपनी आंखें दान कर एक मिसाल कायम की. इसके बाद में जागरूकता आई है और लोग नेत्रदान के लिए आगे भी आ रहे हैं. पहले एक महीने में 5 से 6 लोग नेत्रदान के लिए आगे आते थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह में 500 से अधिक लोगों ने नेत्रदान के लिए सहमति जताई है.