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Covid spikes Again: चीन में कोविड की मार, लेकिन 'हाइब्रिड इम्यूनिटी' की वजह से बच सकता है भारत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

चीन के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया में भी कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए भारत सरकार ने भी पूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं. चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही भारत में एक और लहर की आशंका को लेकर खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है.

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हाइलाइट्स
  • भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

  • एयरपोर्ट्स पर विदेशी यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है.

चीन में कोरोना संक्रमण अब तक की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. चीन के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया में भी कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए भारत सरकार ने भी पूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हमने सभी संबंधित लोगों को अलर्ट रहने और निगरानी बढ़ाने को कहा है. एयरपोर्ट पर विदेशी यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है. हालांकि, देश के जाने माने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय आबादी में 'हाइब्रिड इम्युनिटी' है.

क्या होती है 'हाइब्रिड इम्युनिटी'

एक बार जब आप कोरोना से ठीक हो जाते हैं, तो आपका शरीर उस वायरस के खिलाफ एक नियत स्तर तक स्वाभाविक इम्युनिटी बना लेता है. परिणामस्वरूप, जब हम हाइब्रिड इम्युनिटी प्राप्त कर लेते हैं तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी के फैलने का खतरा कम हो जाता है. देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग  "COVID संक्रमण" से प्रभावित हुए हैं और इसलिए यहां के लोगों में 'हाइब्रिड इम्युनिटी' पहले से ही है. वहीं चीन अपने सख्त नियमों और जीरो कोविड नीति के कारण मामलों में वृद्धि देख रहा है. Hybrid immunity संक्रमण के बाद मिली इम्यूनिटी और टीकों से मिली इम्यूनिटी से मिलकर बनता है. Hybrid immunity को सुपर ह्यूमन immunity भी कहा जाता है.

भारत में वैक्सीनेशन बड़े पैमाने पर

जब भी हम किसी वायरस से संक्रमित होते हैं तो उससे शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो बाद में वैसे किसी वायरस के हमले के समय उसकी पहचान करके उसे रोकती है. कोरोना के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. देश की ज्यादातर आबादी कोविड का बूस्टर डोज भी लगवा चुकी है. यानी कि वायरस के संक्रमण से एक तरह से प्रतिरक्षा करोड़ों लोगों को हासिल हो चुकी है. 

कोविड के बाद एक साल तर रहती है इम्यूनिटी

अध्ययनों ने संकेत दिया है कि शरीर में बनी इम्यूनिटी लंबे समय तक चलने वाली हो सकती है. न्यूयॉर्क में रॉकफेलर यूनिवर्सिटी और वेल कॉर्नेल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि जिन लोगों को COVID-19 हुआ और वे ठीक हो गए, उनमें छह महीने से एक साल तक इम्यूनिटी बनी रही. इन लोगों के शरीर में टीकाकरण के बाद ज्यादा मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली देखी गई.

भारत की ज्यादातर आबादी युवा है. और लगभग सभी का टीकाकरण भी किया जा चुका है. इसके अलावा ऐसे कई आंकड़े हैं जो बताते हैं कि हमारी 90 प्रतिशत से अधिक जनता प्राकृतिक कोविड संक्रमण से भी प्रभावित हो चुकी है.

ध्यान रहे ये बात

  • शरीर के दूसरे अंगों में होने वाले बदलाव को हल्के में न लें.
  • साफ-सफाई का ध्यान रखना सबसे जरूरी है.
  • घर से निकलते हुए मास्क पहनना न भूलें.
  • विदेश यात्रा से बचें.
  • भीड़-भाड़ वाली जगह न जाएं, अगर बहुत जरूरी है तो मास्क लगाकर ही निकलें.
  • अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें.