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अब दुश्मनों की खैर नहीं! सुखोई और ब्रह्मोस देगी मुंहतोड़ जवाब, किया गया सफल परीक्षण

नए ब्रह्मोस की मारक क्षमता 800 किलोमीटर होगी. यानी अरूणाचल प्रदेश या उत्तराखंड से चीन के सभी एयरफील्ड को पल में तबाह किया जा सकता है. इसका परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया है. तो चलिए जानते हैं नए ब्रह्मोस की मारक क्षमता और सुखोई-30 के बारे में.

Brahmos Missile & Sukhoi 30 Brahmos Missile & Sukhoi 30
हाइलाइट्स
  • ब्रह्मोस के नए वर्जन का किया गया सफल परीक्षण

  • रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन पर कर सकता है हमला

भारत ने अपने सरहद की रखवाली और जरूरत पड़ी तो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दो योद्धाओं को मिलाकर एक जोड़ी तैयार की है. जिसे एयरफोर्स की दुनिया में जोड़ी नंबर 1 बताया जा रहा है. इनमें पहला है सुखोई-30 लड़ाकू विमान और दूसरा है सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का नया वर्जन. दोनों की ताकत से मिलाकर सुरक्षा का एक ऐसा अभेद हथियार बनाया गया है, जिसे भेद पाना बहुत मुश्किल है. इंडियन एयरफोर्स ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया है. ये परीक्षण हवा से सतह और हवा से समुद्र में मारक क्षमता को लेकर था. बीते मार्च में भी इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, इससे सतह से सतह पर हमला करनी की नई रेंज मिली थी, दिसंबर, 2021 में इसका एक नया एयर वर्जन मिला था, मतलब साफ है, शत्रु जमीन, हवा, पानी में कितनी भी दूर रहे, इस नए ब्रह्मोस से बचना नामुमकिन होगा.

क्यों घातक है ब्रह्मोस 

माना जा रहा है कि इस नए ब्रह्मोस की मारक क्षमता 800 किलोमीटर होगी. यानी अरूणाचल प्रदेश या उत्तराखंड से चीन के सभी एयरफील्ड को पल में तबाह किया जा सकता है. रक्षा विशेषज्ञ पी के सहगल कहते हैं कि चीन की सीमा पार किए बगैर उसे बरबाद कर सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल हवा, जमीन और समंदर कहीं से भी दुश्मन पर बड़े आसानी से निशाना साध सकता है. इसकी मदद से दुश्मन के बेहद अहम सैन्य ठिकानों, अंडरग्राउंड परमाणु बंकर, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, समुद्र में एयरक्राफ्ट कैरियर और युद्धपोतों को बेहद आसानी से तबाह किया जा सकता है. इसे जहाज, पनडुब्बी, विमान या जमीन पर लगाए गए लॉन्चपैड से दागा जा सकता है. 3 हजार से 3500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ब्रह्मोस मिसाइल दुश्मन को नेस्तनाबूत कर सकती है. रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन पर हमला करने की इसकी ताकत इसे और खतरनाक बनाती है

सुखोई-30 की सटीक लक्ष्य साधने की क्षमता

नए ब्रह्मोस का परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया है. अब सुखोई-30 विमान ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया जा सकता है. 
सुखोई का सुरक्षा कवच ब्रह्मोस मिसाइल को हर हमले से सुरक्षित रखेगा. इस परीक्षण से भारत ने अब सुखोई से जमीन और समुद्र में लंबी दूरी पर हमला करने की क्षमता हासिल कर ली है. नए ब्रह्मोस मिसाइल को सुखोई-30 लड़ाकू विमान से फायर किया गया और मिसाइल ने टारगेट को बहुत ही सटीक तरीके से उड़ा दिया. यानी सुखोई की सटीक लक्ष्य साधने की क्षमता, और नए ब्रह्मोस मिसाइल का घातक वार, अब ये दोनों मिलकर दुश्मन की धज्जियां उड़ा देंगे. बता दें कि ब्रह्मोस को और घातक बनाने के लिए डीआरडीओ लगातार जुटा हुआ है.