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भारतीय सेना का तेजी से मॉडर्नाइजेशन: घुसपैठ-ड्रोन का डबल अटैक काउंटर है वज्र शॉट और AI सर्विलांस

एआई तकनीक वाले ऐसे सर्विलांस सिस्टम बनाए गए हैं जो ना सिर्फ घुसपैठ रोकने में कारगर होंगे बल्कि दुश्मन देश के ड्रोन्स को भी पहचान लेंगे.

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भारतीय सेना के तीनों अंगों का तेजी से मॉडर्नाइजेशन किया जा रहा है. इस मुहिम में स्वदेशी उपकरण अहम भूमिका निभा रहे हैं. एआई तकनीक वाले ऐसे सर्विलांस सिस्टम बनाए गए हैं जो ना सिर्फ घुसपैठ रोकने में कारगर होंगे बल्कि दुश्मन देश के ड्रोन्स को भी पहचान लेंगे.

एंटी-ड्रोन सिस्टम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से बड़े ड्रोन उड़ाए जा रहे थे, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें नाकाम कर दिया. एनएसजी की वज्र शॉट गन, जो एक हल्का ऐंटी ड्रोन हथियार है, दो किलोमीटर दूर तक ड्रोन का पता लगाने और उनके संचार संकेतों को बाधित करने में सक्षम है. यह हथियार पूरी तरह स्वदेशी है और इसका इस्तेमाल वीआईपी प्रोटेक्शन में भी किया जा रहा है।.

AI सर्विलांस सिस्टम
भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ का खतरा बढ़ता जा रहा है. इससे निपटने के लिए एआई तकनीक से बने सर्विलांस सिस्टम अलग-अलग स्थानों पर लगाए जा रहे हैं. ये सिस्टम जानवरों और व्यक्तियों को अलग-अलग तरीके से डिटेक्ट कर सकते हैं और सात से आठ किलोमीटर दूर तक की जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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ड्रोन की भूमिका और भविष्य की चुनौतियां
ड्रोन, सेना और सुरक्षा बलों के लिए बेहद कारगर साबित हो रहे हैं. एनएसजी और भारतीय सेना भी दमदार ड्रोन्स योद्धा बनाने में जुटी है. देश के अंदर आतंकी हमले जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एनएसजी के पास ताकतवर हथियार और दमदार ड्रोन्स होने चाहिए.