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Made in India Weapon: पाकिस्तान की अब खैर नहीं! ये मेड इन इंडिया हथियार बने भारतीय सेना की ताकत, जानिए इनकी खासियत

भारत कई सारे हथियारों को खुद बना रहा है. भारत के स्वदेशी हथियार कितने घातक हैं, ये पाकिस्तान देख चुका है. भारत के मेड इन इंडिया हथियार भारतीय सेना की बड़ी ताकत बन गए हैं. पूरी दुनिया भारत के इन हथियारों की तारीफ कर रहा है.

Indian Defence System (Photo Credit: Getty) Indian Defence System (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान ने देखी भारतीय हथियारों की ताकत

  • मेड इन इंडिया हथियारों ने किया पाकिस्तान का नुकसान

भारत के हथियारों के आगे पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा. चार दिन के सैन्य तनाव के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की. फिलहाल, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर जारी है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया. भारत ने पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दिया. भारत के डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमलों को नाकाम कर दिया. इसके साथ ही भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई एयरबेस को नुकसान पहुंचाया.

भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया, इस सैन्य तनाव में पाकिस्तान के 40 जवान मारे गए. इसके अलावा 100 से ज्यादा आतंकवादी भी ढेर हुए. भारत की इस सफलता में मेड इन इंडिया हथियारों में बड़ी भूमिका निभाई है. भारत के हथियारों का लोहा सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया मान रही है. भारत के कुछ चुनिंदा हथियारों पर नजर डाल लेते हैं.

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भारत का ब्रह्मोस
भारत का ब्रह्मोस मेड इन इंडिया है. ब्रह्मोस की धमक आज भारत के दुश्मन समेत पूरी दुनिया महसूस कर रही है. यह भारत की मिसाइल पावर है. ब्रह्मोस ने दुनिया को दिखा दिया कि वो पलक झपकते ही सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को खत्म करने में सक्षम है. मेड इन इंडिया ब्रह्मास्त्र सेना की सबसे बड़ी ताकत बन गया है.

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने एक साथ मिलकर बनाया है. ये एक मॉडर्न सुपरसोनिक मिसाइल है. इसकी रफ्तार साउंड से तीन गुना ज्यादा है. ब्रह्मोस मिसाइल  290 से किलोमीटर से लेकर 700 किलोमीटर तक हिट कर सकती है. ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे कैसे भी दागा जा सकता है. हर मोर्चे पर भी ब्रह्मोस की तैनाती संभव है. इसे जमीन, समंदर, हवा कहीं से भी दागा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. दुश्मन के राडार को धोखा देना इसकी खूबी है.

S-400 Defence System

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर कहा, ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को तो पाकिस्तान ने खुद स्वीकार कर लिया है. हमारे देश में कहावत काफी पुरानी है, दिन में तारे देखना. भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ हर तरफ हो रही है. उसमें डीआरडीओ द्वारा बनाए गए आकाश और अन्य राडार सिस्टम की जबरदस्त भूमिका रही है.

आकाश डिफेंस सिस्टम
हमला करने के लिए हिंदुस्तान के पास लॉन्ग और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा है. वहीं रक्षा करने के लिए एस-400 आकाश और पृथ्वी जैसे ताकतवर सरफेस टू एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है. खास तौर पर भारत के आकाश डिफेंस सिस्टम ने पिछले हफ्ते अपना कमाल दिखा दिया. भारत के आकाश डिफेंस सिस्टम के आगे दुश्मन के नाकाम इरादे जमीन पर आ गिरे. तभी तो भारत का आकाश आज सारी दुनिया के लिए खास हो गया है. 

एक साथ कई टारगेट को ध्वस्त करने की सुपर पावर रखने वाला आकाश मिसाइल सिस्टम बेजोड़ है. ये भारत के लिए अपने आयरन डोम से कम नहीं है. आकाश जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. इसे भारत का पैट्रियट भी कहा जाता है. ये दुश्मन के फाइटर जेट्स, क्रूज़ मिसाइल और हवा से सतह में मार करने वाली मिसाइलों को में नाकाम करने में सक्षम है. भारत के पास आकाश के रूप में सरहद पर सुरक्षा की अभेद्य दीवार मौजूद है. 

भारत का डिफेंस
आकाश डिफेंस सिस्टम को दुश्मन की बेलिस्टिक मिसाइल भेद नहीं सकती. इसके अलावा फाइटर जेट्स को भी पल भर में ढेर कर देगा. आकाश डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि एक लॉन्चर एक समय में 16 टारगेट को ट्रैक कर सकता है. आकाश मिसाइल सिस्टम से 1712 मिसाइल दागी जा सकती हैं. ये 2.5 की सुपरसोनिक स्पीड से हमला करती है. 30 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को तबाह करने की ताकत है. इसके पास 18 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन को रात में भी ढेर करने की ताकत है. 

आकाश को स्वदेशी राजेंद्र रडार से लैस किया गया है जो 120 किलोमीटर तक की दूरी पर आने वाली विमान की पहचान करता है और स्टेशन तक कमांड पहुंचाता है. आकाश को मोबाइल प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया है. यानी आकाश मिसाइल को पी-72 बी एमपी चेसिस या हेवी मोबिलिटी टैक्स पर बनाए गए मोबाइल लोन सिस्टम से दागा जा सकता है. इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. आकाश को ताकतवर बनाने के लिए। इलेक्ट्रॉनिक काउंटर काउंटर मेजर्स यानी ईसीसीएम फीचर्स से लैस किया गया है. इसकी मदद से आकाश मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ सिंगल या मल्टी टारगेट्स पर निशाना लगा सकती है.

बता दें कि ब्रह्मोस की तरह ही आकाश मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं की वजह से दुनिया के कई देशों ने हाल के सालों में आकाश को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए घटनाक्रम ने भारत के दुश्मन समेत पूरी दुनिया को ये समझा दिया है कि आकाश जैसे मजबूत डिफेंस सिस्टम के तले भारत की जमीन पूरी तरह महफूज है.

Indian Missile

स्काई स्ट्राइकर ड्रोन
मॉडर्न जमाने में जंग बंदूकों से ड्रोन और मिसाइलों से होती है. हाल ही में दुनिया ने भारत के ड्रोन शक्ति का नजारा भी देखा. जब मेड इन इंडिया स्काई स्ट्राइकर ड्रोन्स ने दुश्मन के कई ठिकानों के परखच्चे उड़ा दिए. मेड इन इंडिया ड्रोन्स ने पलटवार कर पाकिस्तान के ठिकानों को तबाह कर दिया. भारत की सेनाओं ने मेड इन इंडिया हथियारों के इस्तेमाल से न केवल आतंक पर भीषण वार किया बल्कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर भी जबरदस्त प्रहार किया. 

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुए मेड इन इंडिया हथियारों में भारत का स्काई स्ट्राइकर भी शामिल था. स्काई स्ट्राइकर एक सुसाइडल ड्रोन है. इसे अपनी सटीकता और लॉन्च एंड फॉरगेट तकनीक के लिए जाना जाता है. स्काई स्ट्राइकर ड्रोन को इजराइल की सिक्योरिटी सिस्टम ने भारत की अल्फा डिज़ैन टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर बनाया है. इसे 2021 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. 

ऑपरेशन सिंदूर में स्काई स्ट्राइकर के इस्तेमाल ने दुनिया का ध्यान इन ड्रोन्स की तरफ खींचा है. भारत का स्काई स्ट्राइकर ड्रोन कई खूबियों वाला है. ये यूएवी की तरह उड़ता है लेकिन हमला मिसाइल की तरह करता है. ये पांच से 10 किलो तक का असला लेकर उड़ान भरने में सक्षम है. ये सटीक हथियार है जिसे मैन्युअल रूप से ऑपरेट भी किया जा सकता है. ये टारगेट के पास जाकर उन्हें खोजता है और नष्ट करता है. भारत का ये ड्रोन आवाज बहुत कम करता है.  

घातक है भारत का ड्रोन
स्काई स्ट्राइकर ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की वजह से दुश्मन के रडार से बचा रहता है. इसमें एक इलेक्ट्रो ऑप्टिक पेलोड है. ये लगातार दुश्मन की लोकेशन की जानकारी इलेक्ट्रो ऑप्टिक पिक्चर ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम को भेजते रहता है. जीपीएस या कनेक्टिविटी ना होने पर भी ये ड्रोन सटीक हमला कर सकता है. खास बात ये है कि अगर कोई लक्ष्य ना मिले तो इसे सुरक्षित रूप से वापस भी बुलाया जा सकता है. 

पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारत के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तुर्किए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर अपना खूब मजाक बनवाया. बता दें कि ये मेड इन इंडिया ड्रोन तकनीक के मामले में तुर्किए ड्रोन से कई गुना आगे है. भारत का स्काई स्ट्राइकर एक मीटर की सटीकता के साथ टारगेट पर हमला कर सकता है. तभी तो अब तक कई देश भारत से स्काई स्ट्राइकर ड्रोन खरीद चुके हैं. 

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से भारत ने ये साबित कर दिया है कि वो डिफेंस सेक्टर की दुनिया में अपने कदम बेहद आगे बढ़ा चुका है. भारत के कर्कश में अब ऐसे ताकतवर मेड इन इंडिया हथियार मौजूद है जिन्हें रोक पाना दुश्मन के लिए नामुमकिन है. तभी तो आज दुनिया के कई देश भारतीय हथियारों की ताकत के मुरीद हो रहे हैं. कई ताकतवर देश भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने की बात कह रहे हैं.