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चार साल बाद व्यापार नीति फोरम को फिर से शुरू करेगा भारत, मजबूत होंगे भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के मुद्दों को हल करने के लिए प्रमुख मंच व्यापार नीति फोरम (TPF) को चार वर्षों के बाद फिर से लॉन्च करेगा. केंदीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश लॉकडाउन से जूझ रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्देश दिया कि भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता में पीछे नहीं हटे और हमने तभी से इसे मजबूत बनाने का सोच लिया.

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हाइलाइट्स
  • लंबित मुद्दों को सुलझाने में करेगा मदद

  • अर्थव्यस्था में हुआ तेजी से सुधार

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के मुद्दों को हल करने के लिए प्रमुख मंच व्यापार नीति फोरम (TPF) को चार वर्षों के बाद फिर से लॉन्च करेगा. इन दिनों अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत कैथरीन ताई भारत-अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर भारत आई हैं. इस बातचीत के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के साथ व्यापार नीति पर चर्चा करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अमेरिका विभिन्न देशों के बीच समृद्धि के भिन्न स्तरों को ध्यान में रखेगा.

चार साल से सुस्त पड़े TPF को फिर शुरू करेगा भारत
टीपीएफ के पुन: लॉन्च की बात करते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के बीच लंबित मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने और हल करने के लिए मंच (TPF)को पुनर्जीवित किया जा सकता है. गोयल के कहा, "हमारा टीपीएफ चार साल से सुस्त था. मुझे खुशी है कि हम इसे फिर से जीवंत करने में सक्षम हैं."
भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम में पांच चीजों पर फोकस रहता हैं. इसमें कृषि, निवेश, नवाचार और रचनात्मकता (बौद्धिक संपदा अधिकार), सेवाएं और टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं आती हैं. गोयल ने कहा कि दोनों देशों ने महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की आवश्यकता को महसूस किया है और जब लचीले सप्लाई चेन की बात आती है, तो अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.

लंबित मुद्दों को सुलझाने में करेगा मदद
केंद्रीय मंत्री ने कहा,"यह टीपीएफ न सिर्फ हमारे व्यापार संबंधों में केवल एक नए अध्याय की शुरुआत है, बल्कि मुझे उम्मीद है कि एक साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से लंबित मुद्दों को सुलझाने और हल करने के लिए इसे पुनर्जीवित कर सकते हैं. इससे पूरी दुनिया को एक मजबूत संदेश भी जाएगा कि अमेरिका और भारत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत भागीदार हैं." गोयल ने कहा कि लागत, स्किल्ड मैनपॉवर और विशाल घरेलू बाजार के मामले में भारत का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ अमेरिकी नवाचार और निवेश के साथ मिलकर नेचुरल फ्रेंड्स (भारत-अमेरिका) के बीच एक विजयी साझेदारी बन सकता है.

अर्थव्यस्था में हुआ तेजी से सुधार
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 80.5 अरब डॉलर का था. साल 2020-21 के दौरान भारत को 13.8 बिलियन डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला. इस पर ध्यान देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जबकि 2020 में माल का द्विपक्षीय व्यापार 80 अरब डॉलर का था. अब यह 2021 की पहली तिमाही में ही उसी स्तर पर पहुंच गया है." उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है और बढ़ते आर्थिक संकेतक 'भारत एक विकास दशक के लिए आकार ले रहा है' की ओर इशारा करते हैं.