Indian Navy Day 2025 (Photo: PTI)
Indian Navy Day 2025 (Photo: PTI) भारत में हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है. इस दिन पूरी दुनिया इंडियन नेवी की ताकत देखती है लेकिन क्या आप जानते हैं नौसेना दिवस 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है? यदि नहीं तो हम आपको बता रहे हैं. इंडियन नेवी डे का संबंध 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से है. जब भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू कर कराची बंदरगाह पर ऐसा हमला किया था कि सात दिनों तक इस पोर्ट पर आग धधकती रही थी. आज भी उस मंजर को याद कर पाकिस्तान कांप उठता है. आइए जानते हैं आखिर क्या हुआ था उस दिन, नौसेना दिवस का इस साल क्या थीम है और भारतीय नौसेना का इतिहास क्या है?
क्या है भारतीय नौसेना का इतिहास
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय नौसेना की स्थापना वर्ष 1612 में की थी. इस नौसेना का नाम ईस्ट इंडिया कंपनी मैरीन दिया गया था. इसका काम उस समय ब्रिटिश व्यापारी जहाजों को समुद्री डाकुओं और अन्य खतरों से बचाना था. इसके बाद ब्रिटिश व्यापार साल 1686 तक बॉम्बे में स्थानांतरित हो गया. अब ईस्ट इंडिया कंपनी मैरीन का नाम बदलकर बॉम्बे मरीन कर दिया गया. फिर साल 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन कर दिया गया. भारत जब अंग्रेजों से आजाद हुआ तो 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ. इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया.
ताकत के मामले में दुनिया में इस स्थान पर है भारतीय सेना
आज भारतीय नौसेना ताकत के मामलें में दुनिया में छठवें स्थान पर है. भारत से ऊपर अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और जापान हैं. आज इंडियन नेवी के पास 150 से अधिक जहाजों का बेड़ा है. भारत के पास 15 पनडुब्बियां हैं. हमारी नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभा रही है. भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी हमारी नौसेना का महत्वपूर्ण रोल है. आज हमारी नौसेना मानवीय और आपदा राहत कार्यों में भी सक्रिय रूप से अपना योगदान दे रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना के कर्मचारियों को बधाई देते हुए भारतीय नौसेना को अनुशासन, करुणा और जिम्मेदारी का प्रतीक बताया.
क्या है इस साल की थीम
भारतीय नौसेना दिवस हर साल एक थीम के तहत मनाया जाता है. नेवी डे 2025 की थीम 'कॉम्बैट रेडी, कोहिसिव, क्रेडिबल और आत्मनिर्भर फोर्स' रखी गई है. यह थीम तत्परता, विश्वसनीयता और आत्मनिर्भरता पर जोर देती है. यह थीम रक्षा में नौसेना की बढ़ती भागीदारी और भारत की सुरक्षा में नौसेना की अहमियत की याद दिलाती है.
क्या था ऑपरेशन ट्राइडेंट
भारतीय नौसेना 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट को सफल अंजाम देकर पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था. भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर ऐसा हमला किया था वह कि सात दिनों तक धधकता रहा था. आज भी उस मंजर को याद करके पाकिस्तान कांप उठता है. दरअसल, भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के हवाई हमले के पलटवार में ऑपरेशन ट्राइडेंट को चलाया था. 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में हवाई हमले किए थे. भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट पर हमला कर न सिर्फ इस हमले का बदला लिया था बल्कि पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बंगाली नागरिकों और हिंदुओं की आजादी के लिए भी यह जंग निर्णायक साबित हुई थी.
पाकिस्तान नेवी को संभलने तक का नहीं मिला था मौका
ऑपरेशन ट्राइडेंट का प्लान नौसेना प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा के नेतृत्व में बनाया गया था. 25वीं स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को इस टास्क की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर 1971 को कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना हेडक्वार्टर पर पहला हमला किया था. इस यु्द्ध में भारतीय नौसेना ने पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल, जिसे पी-15 टर्मिट के नाम से भी जाना जाता है से हमला किया था. इस हमले में इंडियन नेवी ने INS निर्घाट, INS निपट और INS वीर जैसी अत्याधुनिक मिसाइल बोट्स का इस्तेमाल किया था.
भारतीय नौसेना ने एम्यूनिशन सप्लाई शिप समेत कई जहाज को ध्वस्त कर दिए थे. पाकिस्तान के जंगी जहाज PNB खैबर और PNS मुहाफिज को डूबो दिया था. भारतीय नौसेना ने इतना जोरदार हमला किया था पाकिस्तानी नेवी को संभलने तक का मौका नहीं मिला था. भारतीय नौसेना के हमले में पाक के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे. कराची पोर्ट पर स्थित तेल भंडार में आग लगने से वे सात दिनों तक धधकते रहे थे. पाकिस्तान को इस हमले में लगभग 700 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ था. भारत की इस ऐतिहासिक जीत की खुशी में हर साल 4 दिसंबर 2025 को नौसेना दिवस मनाया जाता है.