Vande Bharat Train
Vande Bharat Train
भारतीय रेलवे ने कमाल करते हुए 180 की स्पीड में 16 कोच की वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सफर ट्रायल किया. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण–2) का मुख्य आयुक्त रेल संरक्षा द्वारा अंतिम उच्च गति परीक्षण कोटा से नागदा खंड के मध्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. यह परीक्षण 180 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति पर किया गया. जिसमें ट्रेन के सभी निर्धारित तकनीकी मानकों की गहन जांच की गई. इस दौरान पानी के गिलासों को एक दूसरे के ऊपर रखकर स्पीड ट्रायल किया गया. इस दौरान गिलास का पानी बाहर नहीं छलका. इसका वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और भारतीय रेलवे की तकनीक की तारीफ हो रही है.
महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल की- सौरभ जैन
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि इस सफल उच्च गति परीक्षण के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के आगामी परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल हुई है. जो भारतीय रेलवे की आत्मनिर्भर एवं आधुनिक रेल तकनीक को सशक्त रूप से प्रदर्शित करती है. इस परीक्षण के दौरान ट्रेन की स्थिरता, दोलन, कंपन, आपातकालीन ब्रेक प्रणाली, संरक्षा प्रणाली तथा अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं का परीक्षण किया गया. उच्च गति के दौरान ट्रेन का प्रदर्शन संतोषजनक पाया गया और परीक्षण को पूर्णतः सफल घोषित किया गया. मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त श्री जनक कुमार गर्ग की उपस्थिति में संपन्न हुए इस ट्रायल के दौरान मंडल रेल प्रबंधक श्री अनिल कालरा सहित मंडल के वरिष्ठ शाखा अधिकारी एवं परीक्षण प्रक्रिया के दौरान अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन ,इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड तथा फेवली इंडिया प्रा. लि. के अधिकारी मौजूद रहे.
ट्रायल में 16 कोच का इस्तेमाल-
परीक्षण में 16 कोचों की स्लीपर रेक यात्रियों की दीर्घ दूरी की यात्रा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाओं से लैस है. ट्रेन में स्लीपर श्रेणी के लिए आरामदायक बर्थ व्यवस्था, उन्नत सस्पेंशन प्रणाली, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि एवं संरक्षा निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित सुरक्षा, डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली तथा ऊर्जा दक्ष प्रणालिया उपलब्ध कराई गई हैं. जिससे यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक एवं विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव प्राप्त हो सकेगा. स्वदेशी तकनीक ट्रेन का निर्माण किया गया है। साथ ही अन्य उपकरण भी स्वदेशी तकनीक से तैयार किए गए हैं. रेलवे के ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और भारतीय रेलवे की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है.
(हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट)
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