
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने कहा कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की संरक्षा के लिए 10 उपग्रह 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं. ये उपग्रह न केवल सीमा सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ड्रोन तकनीक के साथ मिलकर दुर्गम क्षेत्रों में भी सटीक जानकारी प्रदान करते हैं. यह बात उन्होंने मणिपुर की राजधानी इंफाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही.
ऑपरेशन सिंदूर में उपग्रहों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
इसरो प्रमुख ने कहा कि इन उपग्रहों की मदद से दुश्मन की नापाक हरकतों पर नजर रखी जाती है. ऑपरेशन सिंदूर में इन उपग्रहों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे पाकिस्तान पर भारत का कहर बरपा. इसरो प्रमुख की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में आई है. देश ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था.
उपग्रहों की अहमियत पर दिया जोर
नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर आयोजित कार्यक्रम में इसरो प्रमुख ने उपग्रहों की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में उपग्रहों की सेवा की अहम भूमिका रही है. इसरो प्रमुख ने उपग्रह प्रौद्योगिकी को क्रांतिकारी कदम करार देते हुए बताया कि यह न सिर्फ सीमा की सुरक्षा में मददगार है बल्कि प्राकृतिक आपदाओं, समुद्री खतरों और दूसरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
उपग्रह और ड्रोन का संयोजन
इसरो प्रमुख ने उपग्रह और ड्रोन प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे का पूरक करार दिया. उपग्रह बड़े क्षेत्रों की निगरानी करते हैं, जबकि ड्रोन छोटे और दुर्गम क्षेत्रों में सटीक जानकारी मुहैया कराते हैं. इस संयोजन से भारत सुरक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है. इसरो प्रमुख ने कहा, आज 34 देशों के 433 उपग्रह भारत से अंतरिक्ष में छोड़े गए हैं और उन्हें उनके कक्ष में स्थापित किया गया है.
नेशनल टेक्नोलॉजी डे का महत्व
भारत ने 11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया था. इस बड़ी कामयाबी को याद रखने के मकसद से ही यह दिन नेशनल टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इसरो प्रमुख ने उपग्रह प्रौद्योगिकी की अहमियत पर जोर दिया. उपग्रहों की मदद से सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे का समय पर पता लगा सकती हैं, जिससे त्वरित गति से कार्रवाई की जा सकती है. यह तकनीक हमें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है.