
कई बार हम जब दुकान पर कुछ खरीदने जाते हैं तो दुकानदार हमसे हमारा नंबर मांगते हैं. लेकिन अब इसके लिए आप मना कर सकते हैं. कई उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. उपभोक्ताओं की शिकायत थी कि जब तक उपभोक्ता अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल शेयर नहीं करते तब तक विक्रेता सेवाएं प्रदान करने से मना कर देते हैं.
खरीदार न डालें ग्राहकों पर डिटेल शेयर करने का जोर
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि फोन कॉल और टेक्स्ट संदेशों के जरिए घोटालों की बढ़ती खबरों के बीच ये फैसला लिया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को एक परामर्श जारी कर खुदरा विक्रेताओं से कहा कि वे कुछ उत्पादों की डिलीवरी के लिए खरीदारों के उनकी पर्सनल कॉन्टैक्ट डिटेल्स लेने के लिए जोर न डालें.
डिटेल्स लेने के पीछे कोई तर्कसंगतता नहीं है
दरअसल, यह सलाह कई उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत किए जाने के बाद आई है. शिकायत में कहा गया था कि विक्रेता तब तक सेवाएं प्रदान करने से इनकार करते हैं जब तक उपभोक्ता अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल्स नहीं शेयर करते हैं. उन्होंने आगे कहा, “विक्रेताओं का कहना है कि वे तब तक बिल नहीं बना सकते जब तक कि पर्सनल कॉन्टैक्ट डिटेल्स प्रदान नहीं की जाती है. यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत एक अनुचित और प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथा है. साथ ही ग्राहकों की जानकारी इकट्ठी करने के पीछे कोई तर्कसंगतता नहीं है.”
पहले भी नंबर देना जरूरी नहीं था
इसके अलावा, इन सबके बीच ग्राहकों की गोपनीयता भी एक चिंता का विषय है. इसे लेकर रोहित कुमार सिंह ने कहा कि भारत में खुदरा विक्रेताओं को कुछ देने या बिल बनाने के लिए फोन नंबर देना जरूरी नहीं था. हालांकि, जब खुदरा विक्रेता लेनदेन समाप्त करने के लिए मोबाइल नंबर मांगते हैं और उपभोक्ताओं को कोई रास्ता नहीं दिया जाता है तो ऐसे केस में ग्राहक एक अजीब स्थिति में आ जाते हैं.