
यूपी के झांसी ने सफलता की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. 21 एकड़ में फैले मैदान में 65000 से अधिक वर्ग फीट में नेट जीरो एग्जीबिशन सेंटर बनाया गया है. जिसका उदघाटन 9 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फीटा काटकर करेंगे. यह परियोजना झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई है और इसका डिजाइन एवं निर्माण ’भारत की पहली नेट-जीरो इंजीनियरिंग कंपनी’ ’बूट्स’ ने किया है.
65 हजार वर्ग फीट में एग्जीबिशन सेंटर-
21 एकड़ मैदान में आधुनिक केंद्र 65,000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में निर्मित है. इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक आयोजनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहाँ एक साथ ’10,000 लोगों तक’ के बड़े समारोह आयोजित किए जा सकते हैं, जबकि ’2,000 लोगों की क्षमता वाला वातानुकूलित सभागार’ सम्मेलन, प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयुक्त है. झांसी एग्ज़ीबिशन सेंटर के माध्यम से झांसी को बुंदेलखंड का ’सांस्कृतिक, व्यावसायिक और पर्यटन केंद्र’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है. यह भवन पूरी तरह नेट-जीरो सक्षम है. इसमें ऊर्जा और जल संरक्षण के लिए नवीन तकनीकें शामिल की गई हैं, जैसे ’हाइड्रो आधारित हीटिंग और कूलिंग सिस्टम’, ’साइट पर सौर ऊर्जा उत्पादन’, ’प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था’ और ’जल पुनर्चक्रण तकनीक’. निर्माण में कम उत्सर्जन वाले सामग्री और देशी पौधों का उपयोग किया गया है. यह परियोजना उत्तर भारत के सबसे पर्यावरण-अनुकूल सार्वजनिक ढाँचों में से एक है.
विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम- आलोक
झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आलोक यादव ने कहा कि झांसी एग्ज़ीबिशन सेंटर बुंदेलखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा, रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और बड़े आयोजनों को झांसी की ओर आकर्षित करेगा. यह परियोजना एक उपलब्धि होने के साथ ही, भविष्य के सतत विकास की मजबूत नींव भी रखती है.
उत्तर प्रदेश सरकार और झांसी विकास प्राधिकरण की इस पहल से बुंदेलखंड के लोगों में गौरव की भावना बढ़ेगी, साथ ही यह क्षेत्र निवेश, पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र बनेगा.
बूट्स भारत की पहली नेट-जीरो इंजीनियरिंग कंपनी है, जो सार्वजनिक, निजी और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ’जलवायु-स्मार्ट’ ढाँचों का डिजाइन और निर्माण करती है. इसके उल्लेखनीय प्रोजेक्ट्स में ’विश्व की पहली नेट-जीरो लाइब्रेरी (झांसी)’, ’विश्व का पहला नेट-जीरो म्यूज़ियम (कुरुक्षेत्र)’ और ’विश्व का पहला नेट-जीरो कोल्ड स्टोरेज (रेवाड़ी)’ शामिल हैं। बूट्स भारत को नेट-जीरो विज़न की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहा है.
(प्रमोद गौतम की रिपोर्ट)
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