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वैक्सीनेशन पर टिप्पणी से लेकर अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के निर्देश देने तक, अहम फैसले सुना चुके हैं सुप्रीम कोर्ट के 28वें जज दीपांकर दत्त

जस्टिस दत्त को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया है. इससे पहले वे बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कई बड़े फैसले सुना चुके हैं. उनके पिता भी कलकत्ता हाईकोर्ट में जज रहे हैं.

Justice Dipankar Dutta Takes Oath/ANI Justice Dipankar Dutta Takes Oath/ANI
हाइलाइट्स
  • दीपांकर दत्त बने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश.

  • जस्टिस दत्त का जन्म 9 फरवरी 1965 को हुआ था.

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली है. उनका कार्यकाल 8 फरवरी 2030 तक होगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने उन्हें शपथ दिलाई. इसके साथ ही शीर्ष अदालत में जजों की संख्या बढ़ कर 28 हो गई है. अगले आठ महीनों में छह जज रिटायर होने वाले हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय में कुल जजों की संख्या 34 जज हो सकती है.

जस्टिस दीपांकर दत्त के बारे में जानिए

जस्टिस दत्त का जन्म 9 फरवरी 1965 को हुआ था. जस्टिस दीपांकर दत्त के पिता सलिल कुमार दत्ता भी कलकत्ता हाईकोर्ट में जज रहे हैं. उनके बहनोई न्यायमूर्ति अमिताव रॉय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं. दत्ता ने कलकत्ता के हाजरा लॉ कॉलेज से एलएलबी किया है. वह साल 1989 में 5 वर्षीय लॉ कोर्स के पहले बैच के छात्र थे. न्यायमूर्ति दत्त को 22 जून, 2006 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में कलकत्ता उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था. 

कई महत्वपूर्ण फैसले दे चुके हैं जस्टिस दीपांकर

उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय, गुवाहाटी उच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी लगभग 16 साल तक प्रैक्टिस की है. 2020 को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश भी जस्टिस दत्त ने ही दिया था. दीपांकर दत्त केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन पॉलिसी पर टिप्पणी भी कर चुके हैं. उन्होंने एक सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर केंद्र सरकार ने घर-घर जाकर बुजुर्गों का वैक्सीनेशन किया होता तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं.

बता दें जस्टिस दत्त के नाम की सिफारिश पिछले साल सितंबर में तत्कालीन न्यायमूर्ति यूयू ललित (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने की थी. सुप्रीम कोर्ट में सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है. जस्टिस दत्त इस साल 57 साल के हो गए.