

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. इस रेलवे पुल के बनने से अब भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक ट्रेन चल रही है. इस ब्रिज के बनने से कश्मीर तक ट्रेन से भी पहुंचा जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिनाब ब्रिज का शुभारंभ किया. इसके बाद कटरा से श्रीनगर के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. कटरा से श्रीनगर के लिए हफ्ते में 6 दिन रोज दो ट्रेनें चलेंगी. अब ट्रेन से कश्मीर पहुंचना और भी आसान हो गया है.
शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जब वो 8वीं में पढ़ते थे, तब इस ब्रिज को सरकार से मंजूरी मिली थी लेकिन इसे पूरा होने में दशकों लगे. दरअसल, कश्मीर में ट्रेन चलाने का इतिहास इससे भी पुराना है. कश्मीर को पूरे देश से ट्रेन के जरिए लिंक करने का सपना 140 साल पहले देखा था.
PM मोदी ने किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया. पीएम मोदी ने सबसे पहले रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया. आखिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कटरा में श्रीनगर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई. कटरा में पीएम मोदी ने भाषण भी दिया.
#WATCH | Katra, J&K: Prime Minister Narendra Modi flags off Vande Bharat Express, connecting Katra and Srinagar, from Katra Railway Station. #KashmirOnTrack
— ANI (@ANI) June 6, 2025
(Video: DD) pic.twitter.com/ghJREpDfii
पीएम मोदी ने कहा, हमने कश्मीर को रेलवे से जोड़ने का काम पूरा करके दिखाया. चिनाब ब्रिज हो या अंजी ब्रिज, ये जम्मू और कश्मीर की समृद्धि का जरिया बनेंगे. इससे टूरिज्म के साथ रेल कनेक्टिविटी और बिजनेस भी बढ़ेगा. इससे इंडस्ट्री को गति मिलेगी. कश्मीर के सेब देश के बड़े बाजारों तक समय पर पहुंच पाएंगे. पीएम ने कहा कि अब लोग चिनाब ब्रिज के जरिए कश्मीर देखने आएंगे. ये ब्रिज अपने आप में एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा. लोग सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेंगे.
कश्मीर को रेल से जोड़ने का सपना
कश्मीर को पूरे देश से रेल नेटवर्क से जोड़ने का सपना जम्मू-कश्मीर के महाराजा प्रताप सिंह ने देखा था. 1884 में महाराजा प्रताप सिंह ने अपने प्रधानमंत्री दीवान अनंत राम को एक भारत सरकार के नाम एक चिट्ठी लिखने को कहा. इस चिट्ठी में महाराजा ने जम्मू-कश्मीर के रेल नेटवर्क से जोड़ने की बात कही थी. कश्मीर में ट्रेन तो काफी पहले आ गई थी लेकिन कश्मीर को देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग के जरिए जोड़ने में 140 साल से ज्यादा का समय लग गया.
महाराजा प्रताप सिंह कश्मीर में रेल नेटवर्क लाने को लेकर काफी गंभीर थे. उन्होंने दीवान से अंग्रेजों को अपना प्रस्ताव तो बताया ही. इसके अलावा 1890 की शुरुआत में कश्मीर में रेल मार्ग लाने के लिए ब्रिटिश इंजीनियरों को भी नियुक्त किया गया. इन ब्रिटिश इंजीनियरों को कश्मीर के बीहड़ इलाके में सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किया गया था.
महाराजा प्रताप सिंह ने कश्मीर में रेल नेटवर्क के लिए तीन रूटों को प्रपोजल दिया था, एबटाबाद से श्रीनगर, जम्मू से श्रीनगर और जम्मू से सियालकोट रूट. एबटाबाद से श्रीनगर की रेल लाइन कभी बनी नहीं. जम्मू से सियालकोट रूट आजादी के बाद से ही बंद है. वहीं जम्मू से श्रीनगर मार्ग पर रेल लाइन का सपना तब तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन 2025 में इस रूट पर ट्रेन चलना शुरू हो गई है. अंग्रेजों ने कश्मीर में ट्रेन चलाने की भरसक कोशिश की लेकिन दुर्गम पहाड़ियों की वजह से कामयाब नहीं हो पाए.
जम्मू से श्रीनगर ट्रेन
आजादी के कई दशकों तक जम्मू-कश्मीर रेल मार्ग को लेकर किसी भी सरकार में इस पर ज्यादा विचार नहीं हुआ. आखिर में 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर रेल मार्ग की आधारशिला रखी. तब तक जम्मू, लुधियाना और पठानकोट तक ट्रेन शुरू हो गई थी.
1883 में इस प्रोजेक्ट की लागत 50 करोड़ रुपए थी. इसे 5 साल में पूरा होना था लेकिन 13 सालों में सिर्फ 11 किमी. की लाइन बन पाई. इस 11 किमी. की रेल लाइन में 300 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसमें 19 टनल और 11 ब्रिज भी शामिल थे. बाद में उधमपुर-कटरा-बारामूला रेलवे प्रोजेक्ट भी शुरू किया. इसे बनाने में भी काफी दिक्कतें आईं. साल 2002 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित कर दिया गया.
2005 तक 55 किमी. का जम्मू-उधमपुर सेक्शन पूरा हो गया. इस बीच कश्मीर घाटी में रेलवे का का काम अलग-अलग शुरू हुआ. 2009 में 119 किलोमीटर लंबा बारामूला-श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड सेक्शन पूरा हुआ और शुरू हो गया. जुलाई 2014 में, उधमपुर-कटरा सेक्शन का उद्घाटन किया गया. इससे वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को सीधी ट्रेन मिल गई. साथ में कश्मीर को देश से दूसरे हिस्से को जोड़ने में बड़ा कदम साबित हुआ.
कश्मीर में रेल लाइन
चिनाब ब्रिज बनने के बाद कटरा से श्रीनगरा का सेक्शन भी पूरा हो गया. इस रूट पर ट्रेन चलने से कश्मीर के देश से दूसरे हिस्से से जुड़ गया है. महाराजा प्रताप सिंह ने कश्मीर में रेल नेटवर्क का सपना था. 1983 में इसका शुभारंभ इंदिरा गांधी ने किया था. ये रेल लाइन 2025 में जाकर शुरू हुई.
कश्मीर तक जाने वाली रेलवे लाइन में 38 सुरंगें और 927 पुल हैं. इनमें सबसे खास चिनाब ब्रिज है. चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है. ये ब्रिज नदी से 359 मीटर ऊपर है. उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि यह एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है. इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज का खिताब मिला है.
श्रीनगर से कटरा ट्रेन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कटरा में कश्मीर को जोड़ने वाली पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. इस रूट पर कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन शुरू हो गई है. हफ्ते में 6 दिन हर रोज दो ट्रेनें श्रीनगर और कटरा के बीच चलेंगी. इस ट्रेन में दो तरह के कोच हैं. चेयर कार का किराया 715 रुपए है. वहीं एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपए है. ये ट्रेन अभी सिर्फ बनिहाल में रुकेगी. सड़क मार्ग से जम्मू से श्रीनगर पहुंचने में 8-10 घंटे लगते हैं. ट्रेन से अब तीन घंटे में श्रीनगर पहुंच सकते हैं.