Sarada Muraleedharan
Sarada Muraleedharan दुनियाभर में करोड़ों लोग रंगभेद का शिकार हो रहे हैं. दुनिया के हर समाज में ये भेद मौजूद है. इसमें आम लोग से लेकर बड़े-बड़े अफसर,लीडर, बिजनेसमैन तक शामिल हैं. इस बार इस मुद्दे को केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन ने उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है. जिसमें उन्होंने खुद के सांवलेपन पर तंज का जवाब दिया है. उन्होंने लिखा कि काला रंग अपने में सबकुछ समेट सकता है. यह ऊर्जा का सबसे शक्तिशाली सोर्स है. मुख्य सचिव ने बताया कि काले रंग को लेकर उनकी सोच उनके बच्चों ने बदली.
एनर्जी का सबसे शक्तिशाली सोर्स है काला रंग-
मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट में लिखा कि मैं जब 4 साल की थी, तब मां ने पूछा था कि क्या वह मुझे दोबारा गर्भ में रखकर गोरा बना सकती है...? मैं 50 साल से इस कहानी के नीच दबी रही हूं कि मेरा रंग अच्छा नहीं है. मैंने कभी काले रंग में सुंदरता नहीं देखी. गोरी त्वचा से मोहित थी. ऐसा ना होने पर पहले खुद को कमतर मानती थी, जिसकी भरपाई किसी तरह से करनी है. हाल में अपने कार्यकाल को लेकर टिप्पणी सुनी- जिसमें कहा गया कि यह इतना ही काला है, जितने मेरे पति गोरे हैं. मुख्य सचिव बनने के बाद... बीते 7 माह से ऐसा हो रहा है. मैं इसकी आदी हो चुकी हूं. पर इस बार बात सिर्फ तुलना की नहीं थी. मुझे काला कहा गया. जैसे यह शर्म की बात हो. यह दुखद है कि काले रंग को नकारात्मकता से जोड़ा जाता है. यह रंग अपने में सबकुछ समेट सकता है. यह ऊर्जा का सबसे शक्तिशाली स्रोत है. यह हर किसी पर जंचता है. ऑफिस के लिए ड्रेस कोड, शाम के पहनावे का आकर्षण बनता है, काजल का सार और बारिश का वादा करता है.. समाज को इन पूर्वाग्रहों को दूर करने की जरूरत है. यह बदलाव घर और स्कूल से शुरू होना चाहिए.
कैसे बदली शारदी की सोच?
मुख्य सचिव शारद मुरलीधरन ने इस पोस्ट में ये भी बताया कि काले रंग को लेकर उनकी सोच कैसे बदली? उन्होंने बताया कि मेरे बच्चों ने कालेपन पर गर्व किया. उन्होंने उस खूबसूरती को देखा, जिसे मैं नहीं देख पाई. उन्होंने बताया कि काला रंग शानदार व अद्भुत है. मेरी सोच भी बदल दी. यह शानदार अनुभव है. जब आपके बच्चे खुद को व्यक्त करने का साहस देते हैं. पति वेणु ने ही मुझे इस तुलना के खिलाफ लिखने के लिए प्रेरित किया. अब मुझे काले रंग से प्यार है.
शारदा ने क्यों लिखा पोस्ट?
मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन ने ये पोस्ट इसलिए लिखा, क्योंकि उनके रंग की तुलना उनके काम और रंग की तुलना पति से की गई थी. दरअसल किसी व्यक्ति ने उनके काम की तुलना उनके पति के रंग से किया था. कहा गया था कि इनका कार्यकाल इतना काला है, जितने इनके पति गोरे हैं. इसके आहत होकर मुख्य सचिव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा. हालांकि बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी. लेकिन फिर दोबारा विस्तार से लिखकर साझा किया.
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