
केरल उच्च न्यायालय ने एक फैसला सुनाते हुए कहा कि एक पति का बार-बार पत्नी को ताना मारना कि वो उसकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती और अन्य महिलाओं के साथ उसकी तुलना करना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आएगा. अदालत ने क्रूरता के आधार पर 13 साल पहले तलाक के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक महिला से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती है. पति ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी जिसमें दंपति को तलाक की मंजूरी दी गई थी. व्यक्ति और महिला 13 साल से अलग रह रहे थे. फैमिली कोर्ट ने उनकी शादी को खत्म करने का आदेश दिया था. व्यक्ति ने उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील की थी.
किस आधार पर लिया फैसला
अपनी याचिका में महिला ने आरोप लगाया कि वो पति को शारीरिक रूप से आकर्षक नहीं लगी. साल 2009 में उनकी शादी के बाद से ही वो उससे नफरत करने लगा. उसने आरोप लगाया कि उसके पति ने हमेशा महसूस किया और उसे भी बताया कि वह उतनी प्यारी नहीं थी जितनी कि कुछ अन्य महिलाएं हैं जिनसे वो मिला था. शादी के बाद मुश्किल से दोनों एक महीने तक साथ रहे. हाईकोर्ट ने अलग-अलग दलीलों, पत्नी और उसकी मां की गवाही और पति की ओर से महिला को भेजे गए एक ई-मेल के आधार पर अपना फैसला दिया.
मानिसक क्रूरता के आधार पर खत्म की शादी
फैमिली कोर्ट ने दोनों के बीच यौन संबंध नहीं होने के आधार पर शादी को खत्म कर दिया था जबकि हाइकोर्ट ने इसमें संशोधन किया और तलाक अधिनियम 1869 के तहत पति की ओर से मानसिक क्रूरता के आधार पर विवाह को खत्म कर दिया. बेंच ने कहा कि प्रतिवादी पति बार-बार ताने कसता था कि याचिकाकर्ता (पत्नी) उसकी उम्मीदों पर खरी उतरने वाली पत्नी नहीं है और वह अन्य महिलाओं से उसकी तुलना करता था जो निश्चित रूप से मानसिक क्रूरता है और पत्नी से उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह इसे सहन करेगी.
अदालत ने क्या की टिप्पणी
पति की याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि क्रूरता की व्यापक परिभाषा देना मुश्किल है, क्योंकि यह सामाजिक अवधारणाओं और जीवन स्तर की प्रगति के अनुसार बदलती है. अदालत ने कहा, "निरंतर दुर्व्यवहार, संबंध न बनाना, पति का तान कसना आदि ये सभी कारक हैं जो मानसिक या कानूनी क्रूरता कहलाते हैं." कोर्ट ने कहा कि शारीरिक क्रूरता में प्रत्यक्ष साक्ष्य हो सकते हैं, लेकिन मानसिक क्रूरता के मामले में नहीं. अदालत ने कहा,"क्रूरता का गठन करने के लिए, शिकायत की गई आचरण गंभीर और वजनदार होना चाहिए ताकि निष्कर्ष निकाला जा सके कि एक पति या पत्नी से साथी के साथ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती है. मानसिक क्रूरता में गंदी भाषा का उपयोग करके मौखिक दुर्व्यवहार और अपमान शामिल हो सकते हैं, जिससे दूसरे व्यक्ति की शांति में दिक्कत होती है.”