Kisan Mahapanchayat (Photo: File)
Kisan Mahapanchayat (Photo: File) संयुक्त किसान मोर्चा (unpolitical) ने आज दिल्ली के जंतर मंतर पर एक 'महापंचायत' का बुलाई है. इसमें अलग-अलग राज्यों के किसानों के शामिल होने की उम्मीद है. विरोध प्रदरेशन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पहले ही हरियाणा-टिकरी सीमा और सिंघू सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है. किसानों ने राजधानी में कल से ही डेरा डालना शुरू कर दिया था. वहीं उन्हें रोकने के लिए रास्ते में कई तरह के अवरोध लगाए गए हैं. जबकि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसने विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
सुरक्षा बल के खास इंतजाम
पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) समीर शर्मा ने कहा,''इस संबंध में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बाहरी जिले के टिकरी सीमा, प्रमुख चौराहों, रेलवे ट्रैक और मेट्रो स्टेशन पर स्थानीय पुलिस और बाहरी बल की पर्याप्त तैनाती की जाएगी. इसके अलावा, इस संबंध में एक पूर्ण सबूत कानून और व्यवस्था की व्यवस्था पहले ही जारी की जा चुकी है.”
4 से 5 हजार लोग हो सकते हैं इकट्ठा
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी एक ट्रैफिक एडवाइजरी के अनुसार, किसान महापंचायत 22 अगस्त 2022 को सुबह 10 बजे जंतर मंतर पर शुरू होने वाली है. इसमें कहा गया है कि लगभग 4000-5000 लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है. जंतर मंतर पर आज SKM's की महापंचायत को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यातायात के विशेष इंतजाम किए हैं. आपको हम उन ट्रैफिक रूट्स की जानकारी दे रहे हैं जहां आपको आज जाने से बचना चाहिए. यहां जाम की स्थिति बन सकती है.
इन जगहों पर जान से बचें
टिकैत को किया गया था गिरफ्तार
इससे पहले, किसान नेता और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और एसकेएम के प्रमुख चेहरे राकेश टिकैत को रविवार (21 अगस्त) को गाजीपुर सीमा पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और उन्हें बेरोजगार युवकों से मिलने नहीं दिया.
क्या हैं किसानों की मांग?
लखीमपुर खीरी के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और किसानों को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर महापंचायत बुलाई गई है.
इसके अलावा किसान केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं, जिनके बेटे आशीष लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी हैं.
किसानों ने स्वामीनाथन समिति के C2+50% फार्मूले के अनुसार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की भी मांग की है.
इसके अलावा किसानों को कर्जमुक्त करना, बिजली बिल 2022 रद्द करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाना, तुरंत गन्ने की बकाया राशि का भुगतान आदि उनकी प्रमुख मांगों में से एक हैं.