
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 के विजेताओं से बातचीत की. इस साल 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के हर विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए की राशि और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. कोरोना महामारी के चलते साल 2021 और 2022 के विजेताओं को सर्टिफिकेट ब्लॉक चेन तकनीक के जरिए दिया जाएगा और पुरस्कार राशि उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी. भारत सरकार इनोवेशन, सोशल सर्विस, स्कॉलस्टिक, खेल, कला और संस्कृति और बहादुरी 6 श्रेणियों में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए अवॉर्ड देती है.
इसी कड़ी में सिरसा के डबवाली क्षेत्र के रहने वाले 14 साल के तनिश सेठी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. तनिश कुमार एप डिवेलपर है और मात्र डेढ़ साल में 9 एप बना चुका है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 के विजेताओं को सम्मानित किया.तनिश को इस पुरस्कार के तौर पर एक लाख रुपये नकद और सर्टिफिकेट मिले. सिरसा के लघु सचिवालय में परिवार सहित पहुंचे तनिश को ये सम्मान मिला. इस दौरान डी सी अनीश यादव भी मौजूद थे. ये सम्मान देशभर के चुनिंदा ऐसे बच्चों को मिलता है जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो.
पीएम मोदी से नहीं हो सकी बात
सम्मान समारोह बरनाला रोड स्थित लघु सचिवालय में आयोजित हुआ. कार्यक्रम में उपायुक्त अनीश यादव सहित सम्मान पाने वाला तनिश और उसका परिवार शामिल हुआ. उपायुक्त अनीश यादव ने ऑनलाइन मिले सर्टिफिकेट को तनिश के मोबाइल पर भेजा और एक लाख रूपये की पुरस्कार राशि भी ऑनलाइन खाते में ट्रांसफर की गई. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हुए बच्चे तनिश ने मीडिया को बताया कि उसकी इच्छा थी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुखाबित हो. आज उसकी बातचीत नहीं हुई लेकिन प्रधानमंत्री ने उसे सम्मानित किया है. यह उसके लिए गर्व की बात है.
यू-ट्यूब से मोबाइल एप बनाना सीखा
10वीं कक्षा में पढ़ने वाले तनिश की इस उपलब्धि पर ना केवल परिवार बल्कि साथी और जिला प्रशासन भी गदगद है. केंद्र सरकार की ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेकर भी तनिश अपना हुनर दिखा चुका है. कोराना महामारी के दौरान तनिश ने यू-ट्यूब से मोबाइल एप बनाना सीखा और केंद्र सरकार की mygov.in वेबसाइट पर क्विज में भाग लिया. वहीं से वह प्रेरित हुआ और आगे एप बनाने का हौसला जागा. केवल दो हफ्ते की मेहनत से तनिश ने अपना पहला एप 20 जून 2020 को लॉन्च किया. डेढ़ साल के दौरान तनिश 9 मोबाइल एप तैयार कर चुका है. मैरीलैंड कॉन्वेंट स्कूल के छात्र तनिश के पिता अजय सेठी जेबीटी है और उसकी मां सरीना हेड टीचर हैं.
कोरोना लहर के दौरान बनाया ऑक्सीजन स्टोर एप
देश में बोली जाने वाली 10 मुख्य भाषाओं को जानने के लिए स्पीक इंडिया एप बना चुका है. इसके अलावा स्पीक वर्ल्ड एप दुनियाभर में बोली जाने वाली 92 भाषाओं को एक-दूसरे में सहायता करता है. कोरोना लहर के दौरान ऑक्सीजन के संकट को देखते हुए उसने ऑक्सीजन बेचने और खरीदने के लिए ऑक्सीजन स्टोर नाम से एप बनाया. इसके अलावा टेलर डायरी, स्कैन वाय : मेड इन इंडिया, लिस्ट अप : मेड इन इंडिया मोबाइल एप, पशुओं की बिक्री के लिए मोबाइल एप बना चुका है.
लॉकडाउन में 9 एप बनाए
तनिश सेठी ने बताया कि उसने 9 एप बनाए हैं. लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं को देखते हुए उसने अलग-अलग एप बनाए. उसका पशुमॉल एप देशभर के करीब 15 हजार किसान इस्तेमाल कर रहे हैं. लॉकडाउन में पशु मंडियां बंद थी और व्यापारी पशु नहीं बेच पा रहे थे, इसी को देखते हुए उसने ये एप बनाया. तनिश ने बच्चों से अपील की है कि वे मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करे और अच्छे कामों के लिए मोबाइल चलाएं. वहीं इस मौके पर तनिश के पिता अजय सेठी ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उनका बेटा आज सम्मानित हुआ है. उसने अलग-अलग उद्देश्यों को लेकर 9 एप बनाए हैं. समारोह में मौजूद उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देशभर के चुनिंदा बच्चों को मिलता है. सिरसा के लिए गर्व की बात है कि यहां का बच्चा तनिश भी उत्कृष्ट कार्य करने के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है.
(बलजीत सिंह की रिपोर्ट)