एक समय में कबाड़ का काम करने वाला शख्स आज कर्नाटक का सबसे अमीर नेता है बन चुका है. बेंगलुरु केंद्रीय विधान परिषद के लिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जो कभी कबाड़ के डीलर थे आज अरबपति बन चुके हैं. 'गुजरी बाबू' और 'स्क्रैप बाबू' नाम से जाने जाने वाले यूसुफ शरीफ बताते हैं कि वे इससे पहले स्क्रैप डीलर थे, लेकिन एक दिन कोलार गोल्ड फील्ड में स्क्रैप टैंक मिलने के बाद उसकी किस्मत बदल गई. अब, यूसुफ शरीफ कर्नाटक में आगामी परिषद चुनावों में सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. राज्य के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार है जब किसी ने 1,744 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.
शरीफ ने बताया कि उन्होंने पैसे का इस्तेमाल सरकार और अदालत की नीलामी के माध्यम से कारखानों के साथ-साथ संपत्ति खरीदने के लिए किया, जिससे उनका जीवन बदल गया.
परिवार में हैं दो पत्नियां और 5 बच्चे
परिवार की बात करें, तो शरीफ की दो पत्नियां और पांच बच्चे हैं जिनके नाम 97 करोड़ की चल संपत्ति और 1,643 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. शरीफ के मुताबिक, उनकी पहली पत्नी के पास 98 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1.30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है, जबकि उनकी दूसरी पत्नी के पास 32.22 लाख रुपये की चल संपत्ति है.
राजनीति में आकर करना चाहते हैं समाज सेवा
एएनआई से बात करते हुए यूसुफ शरीफ ने कहा कि उन्होंने गरीबी भी देखी है और अमीरी भी. अब वह समाज को अपनी ओर से कुछ वापिस देना चाहते हैं और यही वजह है कि वह राजनीति में आ रहे हैं. शरीफ ने आगे बताया कि उनका परिवार कई सालों से कांग्रेस से जुड़ा हुआ है और वह पिछले 20 साल से डीके शिवकुमार को फॉलो कर रहे हैं.
अगस्त में लगा था टैक्स चोरी का आरोप
गौरतलब है कि इससे पहले, अगस्त 2021 में रोड टैक्स उल्लंघन के लिए, आरटीओ अधिकारियों द्वारा उनकी रॉल्स-रॉयस कार को जब्त कर लिया गया था, जिसे उन्होंने अमिताभ बच्चन से खरीदा था. उस वक्त 13.43 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी के आरोप में आयकर विभाग द्वारा शरीफ के घर की तलाशी ली गई थी.
कांग्रेस नेता प्रिया कृष्णा को किया ज्वाइन
यूसुफ ने कांग्रेस नेता प्रिया कृष्णा को ज्वाइन कर लिया है. प्रिया ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 1,020 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, वहीं भाजपा एमएलसी नागराज ने 1,010 करोड़ रुपये और कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 841.72 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी. ये वो नेता यहीं जो कर्नाटक की राजनीति में सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक हैं.
जानकारी हो कि कर्नाटक में 10 दिसंबर को विधान परिषद के चुनाव होंगे जिसमें 99,062 लोग वोट डालने वाले हैं.