
भारतीय वायुसेना ने हेरोन ड्रोन को अब और भी घातक और खतरनाक बनाने का फैसला किया है. हज़ारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हेरोन ड्रोन की पैनी निगाहों से दुश्मन का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. इजरायल से पिछले साल मंगाए गए ये हेरोन ड्रोन अब आत्मनिर्भर भारत की ताकत से लैस होंगे. यानि इन इजरायली ड्रोन को अब स्वदेशी हथियारों और रक्षा उपकरणों से लैस किया जाएगा. अब तक ये ड्रोन आसमान से दुश्मनों की निगरानी करते थे, लेकिन अपग्रेड होने के बाद अब ये ड्रोन दुश्मन पर हमला भी कर सकेंगे. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने इस प्रोजेक्ट का नाम चीता रखा है.
तीनों सेनाओं के लिए किया जाएगा तैयार
इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रक्षा कंपनियां इन इजरायली ड्रोन्स को स्ट्राइक यानी हमले के लिए तैयार करेंगी. इन ड्रोन्स को मिसाइलों से लैस करेंगी. सर्विलांस यंत्रों और क्षमताओं से ताकतवर बनाएंगी. भारतीय वायुसेना इजरायली ड्रोन्स को तीनों सेनाओं के लिए तैयार कराएगी. यानी जल, जमीन और आसमान तीनों जगह हेरोन भारत की रक्षा और निगरानी में तैनात होगा.
बता दें कि भारत ने पिछले साल चार हेरोन ड्रोन इजरायल से खरीदे थे. इन चारों ड्रोन को सेना ने चीन की हरकतों पर नज़र रखने के लिए 2021 में लद्दाख में तैनात किया था. भारतीय सेना में मौजूद सभी ड्रोन्स की तुलना में इनकी ताकत, क्षमता, रफ्तार सबकुछ बेहद ज्यादा है.
हेरोन ड्रोन की खासियत
ये ड्रोन जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर आराम से उड़ान भरता है.
एक बार में ये 52 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है.
इसे नियंत्रित करने के लिए जमीन पर एक ग्राउंड स्टेशन बनाया जाता है. जिसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है.
ये ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.
इसमें कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं.जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं.
इसके अलावा विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है.साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है.
सबसे खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को किसी तरह से भी जैम नहीं किया जा सकता. यानी इनमें एंटी-जैमिंग तकनीक लगी है. जो पहले के ड्रोन्स की तुलना में ज्यादा दमदार है.
यह 250 किलोग्राम वजन तक ले जा सकता है.
हेरोन ड्रोन की एक और खासियत है कि ये आसमान से ही टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक को दे देता है.यानी सीमा के पास से ड्रोन से मिले सटीक टारगेट पर हमला किया जा सकता है. हेरोन ड्रोन की ये सारी खूबियां निगरानी के लिए इस्तेमाल की जाती थीं. लेकिन अब इसे लेज़र गाइडेड बम और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस कर अटैक के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.