Kudankulam Nuclear Power Plant, Tamil Nadu 
 Kudankulam Nuclear Power Plant, Tamil Nadu रूस ने तमिलनाडु के कुडनकुलम में छठा परमाणु रिएक्टर बनाना शुरू कर दिया है. रूस के साथ भारत के रिश्ते काफी पुराने हैं. भारत रूस के साथ सैन्य समझौतों से लेकर कई बड़े समझौतों पर करार कर चुका है. जिसमें से कई समझौतों पर काम चल रहा है और कुछ होने बाकी हैं. रूस में भारत का निवेश 13 अरब डॉलर है, जबकि भारत में रूस ने 16 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है. इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच 2025 तक 30 अरब डॉलर के कारोबार का लक्ष्य निर्धारित है.
कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट का छठा प्लांट इन्हीं समझौतों में से एक है. बीते 6 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सालाना शिखर सम्मेलन के बाद इस समझौते पर चर्चा हुई और कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के छठे प्लांट पर काम के लिए मंजूरी मिली. कुडनकुलम में इस परमाणु रिएक्टर को बनाने के लिए किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और इस न्यूक्लियर रिएक्टर का क्या फायदा होगा. जानते हैं...
परमाणु रिएक्टर से मिलेगी बिजली
रूसी परमाणु इंजीनियरिंग कंपनी एटमैश केएनपीपी में यूनिट 6 के लिए परमाणु रिएक्टर और स्टीम जनरेटर का निर्माण कर रही है. इस प्रोजेक्ट के लिए रूसी कंपनी रोसाटॉम टेक्नोलॉजी मुहैया करा रही है. केएनपीपी की पांचवीं और छठी पावर यूनिट्स के कॉन्ट्रैक्ट के तहत रूस भारत में दो परमाणु रिएक्टरों का निर्माण और आपूर्ति करेगा.
इस करार के तहत रूस भारत में भाप जनरेटर के दो सेट, रिएक्टर कूलेंट पंप सेट बॉडी, मेन सर्कुलेशन पाइपिंग, इमरजेंसी कोर कूलिंग सिस्टम टैंक, पैसिव कोर फ्लडिंग सिस्टम टैंक और दो प्रेशराइजर का निर्माण करेगा. एक न्यूक्लियर पावर प्लांट में 1,000 मेगावाट क्षमता है.
1988 में सोवियत यूनियन से हुआ था करार
दरअसल, भारत सरकार ने परमाणु पावर प्लांट के निर्माण के लिए 1988 में सोवियत यूनियन से करार किया था. उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोवियत यूनियन के हेड मिखाइल गोर्बाचेव थे. पहली दो यूनिट्स से 13 जुलाई 2013 को पहली बार बिजली उत्पादन हुआ. जून 2017 में भारत और रूस के बीच पांचवी और छठी यूनिट के लिए GFA पर हस्ताक्षर किए गए. और जून में ही रूस ने कुडनकुलम में पांचवीं परमाणु ऊर्जा यूनिट का निर्माण शुरू कर दिया. अब छठी यूनिट की साइट पर काम की शुरुआत हो गई है.
भारत और रूस के बीच ये रिश्ते बताते हैं कि भारत और रूस के संबंधों में और मजबूती आएगी और सहयोग के नए दरवाजे खुलेंगे. हालांकि रूस ही नहीं कई देशों ने भारत के साथ परमाणु टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को लेकर कई तरह के समझौते किए हुए हैं. रूस के अलावा अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान के साथ भी परमाणु टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को लेकर भारत से करार है.