
विमान हादसों में बचना किसी चमत्कार से कम नहीं होता, लेकिन अगर किसी की किस्मत में जिंदगी लिखी हो तो मौत उसे छू भी नहीं पाती. अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में एक शख्स बालबाल बच गया, लेकिन खतरनाक विमान हादसों से बचने का ये कोई पहला मामला नहीं है. आइए अब आपको रूबरू कराते हैं कुछ ऐसे मुसाफिरों से जिन्होंने विमान हादसों में मौत को मार दी है.
होंडुरास विमान हादसा
साल 2025 में लिलियाना एस्ट्राडा का बचना भी किसी चमत्कार से कम नहीं था. होंडुरास में उनका लाहंसा एयरलाइन्स का प्लेन क्रैश हो गया था. विमान पानी में गिरा और लिलियाना ने तैर कर अपनी जान बचाई.
साउथ कोरिया विमान हादसा
ली से मोकपो 19 दिसंबर 2024 को हादसे का शिकार हुए थे. साउथ कोरिया के मुआन में उनका विमान क्रैश हो गया था. विमान में सवार मुसाफिरों में ली से मोपा इकलौते मुसाफिर थे, जिनकी जान बची.
लीबिया विमान हादसा
ऐसे ही, रुबेन वान असौव का विमान 2010 में लीबिया के त्रिपोली में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. अफ्रीकिया एयरवेज़ का ये विमान भयानक हादसे का शिकार हुआ था. विमान में सवार मुसाफिरों में से सिर्फ़ रुबेन ही जिंदा बचे.
कमोरोज़ द्वीप विमान हादसा
बहिया बाकरी का विमान 30 जून 2009 को हादसे का शिकार बना. कमोरोज़ द्वीप के पास यमनिया एयरवेज़ का यह विमान हिंद महासागर में गिर गया. बहिया करीब 9 घंटे तक समुद्र में विमान के मलबे से चिपकी रही. बाद में, उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया.
वियतनाम विमान हादसा
1992 में वियतनाम में एनेट हर्फकेन्स का विमान हादसे का शिकार बना. उनका 25 सीटर प्राइवेट विमान जंगलों में क्रैश हो गया. उन्होंने जंगलों में किसी तरह 8 दिन बिताए, जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया.
स्टॉकहोम विमान हादसा
वेस्ना वुलोविक का प्लेन 26 जनवरी 1972 को स्टॉकहोम में क्रैश हो गया था. हादसे के बाद वह करीब 33,000 फिट की ऊंचाई से जमीन पर गिरी. विमान जंगल में क्रैश हुआ था. लिहाजा उन्होंने घने जंगलों में कई दिन बिताए और खुद को बचा लिया.
पेरू विमान हादसा
इसी तरह जूलियन कोएप्के का जज्बा भी मिसाल बन गया. 1971 में उनका लेंसा फ्लाइट का विमान पेरू में क्रैश हो गया था. जूलियन 10 दिनों तक जंगलों में रही और फिर नदी पार करके सुरक्षित जगहों पर पहुंची.
ज़ाहिर है भयानक हादसों में इन लोगों का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है.